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सोहराबुद्दीन शेख मामले की जांच करने वाले IPS अफसर को HC से बड़ी राहत

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी रजनीश राय को राहत देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) रजनीश राय के वीआरएस पर फैसला नहीं सुना देता है, तब तक केंद्र सरकार उनकी नई जॉब में दखलंदाजी नहीं कर सकती है.

गुजरात हाईकोर्ट (Courtesy-http://gujarathighcourt.nic.in/) गुजरात हाईकोर्ट (Courtesy-http://gujarathighcourt.nic.in/)
aajtak.in
  • अहमदाबाद,
  • 15 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी रजनीश राय को गुजरात हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. बुधवार को गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) रजनीश राय की स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पर फैसला नहीं सुना देता है, तब तक केंद्र सरकार उनकी नई जॉब में दखलंदाजी नहीं कर सकती है. फिलहाल रजनीश राय अहमदाबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत हैं.

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केंद्र सरकार ने रजनीश राय के वीआरएस अपील को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण का दरवाजा खटखटाया है. जस्टिस एसआर ब्रह्मभट्ट और एपी ठाकुर की डिविजन बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार अभी रजनीश राय के खिलाफ न तो अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकती है और न ही उनकी नई जॉब में कोई हस्तक्षेप कर सकती है.

कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण या किसी अपीलीय अधिकरण के फैसले के बाद ही केंद्र सरकार कोई कदम उठा सकती है. आपको बता दें कि रजनीश राय गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने सोहराबुद्दीन शेख कथित फेक एनकाउंटर माामले की जांच की थी और सीनियर आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा समेत अन्य को गिरफ्तार किया था.

जब रजनीश राय की पोस्टिंग आंध्र प्रदेश के चित्तूर के काउंटर इंसरजेंसी एंड एंटी-टेररिज्म स्कूल में कर दी गई, तो उन्होंने नवंबर 2018 में वीआरएस  के लिए अपील कर दी. हालांकि केंद्र सरकार ने रजनीश राय की अपील को खारिज कर दिया, जिसको उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दे दी. फिलहाल यह मामला केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के समक्ष लंबित है.

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इसके बाद मई में अहमदाबाद स्थित आईआईएम ने रजनीश राय को हायर कर लिया. इस दौरान केंद्र सरकार ने ड्यूटी से गैरहाजिर रहने के आरोप में रजनीश राय को निलंबित कर दिया. इसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आईआईएम को खत लिखकर रजनीश राय को हायर करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा.

इसके खिलाफ रजनीश राय गुजरात हाईकोर्ट पहुंच गए. उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा कि अदालत केंद्र सरकार को आदेश दे कि वो उनको रिटायर कर दे और नई जॉब में किसी भी तरह की दखलंदाजी न करे.

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