Advertisement

ईरान के राष्ट्रपति ने शिया-सुन्नी मुसलमानों की एकता के लिए मक्का मस्जिद में नमाज अदा की

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शुक्रवार को हैदराबाद में ऐतिहासिक मक्का मस्जिद का दौरा किया और शिया-सुन्नी एकता व दुनियाभर के मुस्लिमों की शांति के लिए नमाज अदा की. भारत के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रूहानी ने 17वीं सदी के मस्जिद में आम लोगों के साथ जुमे की नमाज अदा की.

हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद ईरानी राष्ट्रपति हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद ईरानी राष्ट्रपति
राम कृष्ण
  • हैदराबाद,
  • 16 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शुक्रवार को हैदराबाद में ऐतिहासिक मक्का मस्जिद का दौरा किया और शिया-सुन्नी एकता व दुनियाभर के मुस्लिमों की शांति के लिए नमाज अदा की. भारत के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रूहानी ने 17वीं सदी के मस्जिद में आम लोगों के साथ जुमे की नमाज अदा की.

इस मस्जिद की नींव साल 1616 के आखिर में कुतुब शाही वंश के शासक सुल्तान मोहम्मद ने रखी थी और मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन में साल 1694 में बनकर तैयार हुई थी. इस दौरान रूहानी के साथ उनके मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. ईरान के राष्ट्रपति ने मस्जिद की पहली कतार में नमाज अदा की. मस्जिद के इमाम मौलाना रिजवान कुरैशी ने अरबी में धर्मोपदेश दिया.

Advertisement

इस दौरान कुरैशी ने दुनियाभर के मुसलमानों, खासकर फिलिस्तीन, सीरिया और यमन के मुसलमानों की सुरक्षा के लिए दुआ मांगी. तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के प्रमुख व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी के कुछ विधायक भी इस मौके पर मौजूद थे.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक रूहानी की सुन्नी मस्जिद की यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है. विश्लेषकों का कहना है कि इसका मकसद शिया-सुन्नी एकता का संदेश देना है. इससे पहले ईरान के प्रतिनिधिमंडल ने यहां ऐतिहासिक कुतुब शाही मकबरे का दौरा किया.

तेलंगाना सरकार के अधिकारियों ने रूहानी को कब्रिस्तान के बारे में जानकारी दी, जिसमें 72 मकबरे हैं. उनमें से कई पारसी वास्तु शैली में बने हैं. उन्हें आगा खां ट्रस्ट ऑफ कल्चर की पुनर्स्थापना परियोजना के बारे में भी जानकारी दी गई. गुरुवार रात रूहानी ने मुस्लिम नेताओं और विद्वानों को संबोधित करते हुए शिया-सुन्नी एकता की जरूरत पर बल दिया. वहीं, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी को भारत का अहम दोस्त बताया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement