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इराक से वापस लाए गए शवों को लेकर परिजनों ने सरकार पर दागा सवाल

इराक में मारे गए भारतीयों के परिजनों ने शवों के ताबूत न खोलने के आदेश के बाद केंद्र सरकार पर सवाल दागा है. उनका कहना है कि वो इस बात पर कैसे यकीन करें कि ये शव उनके अपने लोगों के ही हैं? मालूम हो कि इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से 38 के शव के अवशेष सोमवार को विशेष विमान से भारत वापस लाए गए और उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए.

भारतीयों के अवशेषों के लेकर भारत पहुंचे वीके सिंह भारतीयों के अवशेषों के लेकर भारत पहुंचे वीके सिंह
राम कृष्ण/सतेंदर चौहान
  • जालंधर,
  • 03 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

इराक में मारे गए भारतीयों के परिजनों ने शवों के ताबूत न खोलने के आदेश के बाद केंद्र सरकार पर सवाल दागा है. उनका कहना है कि वो इस बात पर कैसे यकीन करें कि ये शव उनके अपने लोगों के ही हैं? हालांकि विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह का कहना है कि भारतीयों के शवों को डीएनए टेस्ट के बाद ही भारत वापस लाया गया है.

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मालूम हो कि इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से 38 के शव के अवशेष सोमवार को विशेष विमान से भारत वापस लाए गए और उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए. इन अवशेषों को वापस लाने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह खुद इराक गए थे. ये अवशेष भारत तो आ गए, लेकिन सरकार के एक आदेश ने मृतकों के परिजनों को सकते में डाल दिया है.

केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि जो अवशेष आ रहे हैं, उनके ताबूत न खोले जाएं, क्योंकि उसमें कई प्रकार की गैसें हैं, जो इंसान के लिए घातक साबित हो सकती हैं. सरकार के इस आदेश के बाद मृतकों के परिजनों ने कहा कि इस आदेश के बाद उनको सरकार के ऊपर शक है. उनका कहना है कि वो इस पर कैसे विश्वास करें कि जो अवशेष मिले हैं, वो उन्हीं के परिजनों के ही हैं?

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जालंधर के बलवंत राय के परिजनों का कहना है कि पहले ही हम और कई परिवार वाले कह चुके हैं कि वो पहले ताबूत देखेंगे और डीएनए की पुष्टि के बाद अंतिम संस्कार करेंगे, लेकिन सरकार के इस आदेश के बाद लगता है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है. हमारे पास न तो कोई ऐसा सबूत है और न ही कोई ऐसी निशानी, जिससे हमें यकीन हो जाए कि यह शव हमारे बेटे राकेश कुमार का ही है. हमें कोई भी ऐसी चीज नहीं दी गई है, जिससे यह साबित हो सके कि हम अपने बेटे का ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

वहीं, सोमवार को भारतीयों के अवशेषों को लेकर अमृतसर पहुंचे विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने बताया कि इराक में भारतीय दूतावास के पास साल 2014 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस द्वारा अगवा किए गए 40 भारतीयों के बारे में कोई रिकार्ड नहीं है, क्योंकि वे अवैध ट्रैवल एजेंटों के मार्फत वहां गए थे. उन्होंने कहा कि अगर पहले से सरकार के पास इन लोगों के खतरे में फंसे होने की कोई सूचना होती, तो वह उन्हें उसी तरह बचा लेती, जैसाकि उसने साल 2014 में 45 से अधिक नर्सों के संदर्भ में किया था.

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