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रेलवे के खास सैलून में अब आम आदमी भी कर सकेंगे सफर, मिलेगी लग्जरी होटल जैसी सुविधाएं

रेल के अधिकारियों के लिए अंग्रेजों के जमाने से ही खास तरीके के कोच बनाए गए थे. जिनमें ड्राइंग, डाइनिंग, किचन और दो बेडरूम होते हैं. इस तरह के खास डिब्बों को सैलून कहा जाता है. इसमें हर एक बेडरूम में अटैच्ड टॉयलेट-बाथरूम होते हैं. रेल लाइन पर यह चलते फिरते लग्जरी होटल की तरह होते हैं.

रेलवे सैलून के अंदर का नजारा (तस्वीर- IRCTC) रेलवे सैलून के अंदर का नजारा (तस्वीर- IRCTC)
अजीत तिवारी/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST

रेलवे के आला अफसरों के लिए इस्तेमाल होने वाले रेलवे सैलून अब आम आदमी को रेल यात्रा के लिए मुहैया कराए जाने लगे हैं. IRCTC ने इस तरह की पहली सेवा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से शुरू की है. निजी यात्री द्वारा जम्मू मेल में बुक कराया गया पहला सैलून वैष्णो देवी कटरा की यात्रा पर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया. रेलवे की सैलून में यात्रा कर रहे परिवार ने इसकी बुकिंग IRCTC से 2 लाख रुपये देकर कराई है.

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दरअसल, रेलवे के अधिकारियों के लिए अंग्रेजों के जमाने से ही खास तरीके के कोच बनाए गए थे, जिनमें ड्राइंग, डाइनिंग, किचन और दो बेडरूम होते हैं. इस तरह के खास डिब्बों को सैलून कहा जाता है. इसमें हर एक बेडरूम में अटैच्ड टॉयलेट-बाथरूम होते हैं. रेल लाइन पर यह चलते फिरते लग्जरी होटल की तरह होते हैं.

अंग्रेजों के जमाने में जब रेलवे बिछाई जा रही थी तो दूरदराज के इलाके रोड से जुड़े हुए नहीं होते थे और वहां पर ठहरने का मुकम्मल इंतजाम नहीं होता था. इस समस्या के मद्देनजर अंग्रेजों ने आला अफसरों के लिए सैलून मुकर्रर किए थे. आजादी के बाद यह व्यवस्था उसी तरह से बदस्तूर जारी है. देश भर में सभी रेलवे डिवीजनों में डीआरएम और एडीआरएम के लिए सैलून की व्यवस्था रहती है.

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इसके अलावा रेल मंत्री, रेल राज्यमंत्री और राष्ट्रपति के लिए खास सैलून रेलवे में हमेशा तैयार खड़े रहते हैं. रेलवे बोर्ड के आला अफसरों के लिए रेलवे सैलून देता है. रेलवे के हर एक जोन में जोनल अफसरों के लिए सैलून की व्यवस्था रहती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरे देश में तकरीबन 300 से 400 के आसपास रेलवे सैलून हमेशा ही भ्रमण पर बने रहते हैं.

पीयूष गोयल के रेल मंत्री बनने के बाद देशभर में रेलवे अफसरों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सैलून की पॉलिसी में सुधार किया गया और कहा गया कि जब तक जरूरी ना हो तब तक सैलून का इस्तेमाल नहीं किया जाए. साथ ही खाली खड़े रेलवे सैलून को आम यात्री को देने की भी पॉलिसी बनाई गई. इसी पॉलिसी के तहत आईआरसीटीसी ने देशभर में शुरुआती तौर पर 10 रेलवे सैलून को आम जनता की सेवा में खोला है.

IRCTC के डिप्टी जनरल मैनेजर रतीश चंद्रन के मुताबिक रेलवे सैलून की बुकिंग की व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है. रेलवे की पहली सैलून निजी ग्राहक द्वारा पुरानी दिल्ली से जम्मू के कटरा स्टेशन तक के लिए बुक कराई गई है. इस सैलून के लिए आईआरसीटीसी ने निजी ग्राहक से 2 लाख रुपये किराए के तौर पर लिए हैं. यह सैलून शुक्रवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से जम्मू मेल में लगाकर कटरा के लिए रवाना किया गया. सोमवार को यह सैलून कटरा से पुरानी दिल्ली की तरफ वापस आ जाएगा.

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