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आज खुलेगा सरकारी कंपनी IRCTC का IPO, क्या करना चाहिए निवेश? जानें प्लस-माइनस

IRCTC का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) सोमवार 30 सितंबर को खुल रहा है. कंपनी इस आईपीओ से 645 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है. यह ऑफर 03 अक्टूबर को बंद होगा. 

प्रतीकात्मक तस्वीर (IRCTC_official) प्रतीकात्मक तस्वीर (IRCTC_official)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

  • IRCTC का आईपीओ 30 सितंबर को खुलेगा और 03 अक्टूबर को बंद होगा
  • कंपनी इस आईपीओ से 645 करोड़ जुटाने की उम्मीद कर रही है
  • IRCTC एक सरकारी कंपनी है और इसका कारोबार मजबूत है

इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) सोमवार 30 सितंबर को खुल रहा है. कंपनी इस आईपीओ से 645 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है. यह ऑफर 03 अक्टूबर को बंद होगा और इसका प्राइस बैंक 315 से 320 रुपये रखा गया है. क्या कंपनी में निवेश करना चाहिए, क्या हैं इसकी मजबूती और क्या हैं जोखि‍म? आइए जानते हैं इस ऑफर और कंपनी के बारे में प्रमुख बातें.

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सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम के द्वारा इस ऑफर के द्वारा कंपनी के 2.01 करोड़ शेयर यानी 12.6 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. इसका मिनिमम बिड साइज 40 शेयरों का होगा यानी कम से कम 40 शेयरों में निवेश किया जा सकता है. अभी इस कंपनी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन शेयरों की बिक्री के बाद सरकार की हिस्सेदारी घटकर 87.4 फीसदी ही रह जाएगी. इसकी फेस वैल्यू 10 रुपये की है और फ्लोर प्राइस इसका 31.5 गुना और कैप प्राइस 32 गुना है. इससे आईआरसीटीसी को 635 से 645 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है.

छोटे निवेशकों को मिलेगी छूट

आईपीओ के तहत जो शेयर जारी किए जा रहे हैं, उसका 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) को आवंटित होगा, जिसमें से 2 लाख इक्विटी शेयर म्यूचअल फंड को मिलेंगे. इसी तरह 15 फीसदी शेयर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) यानी बड़े निवेशकों के लिए होंगे. इस तरह छोटे या आम निवेशकों के लिए 35 फीसदी हिस्सा उपलब्ध रहेगा. कंपनी ने छोटे निवेशकों और अपने कर्मचारियों को 10 रुपये प्रति शेयर की अतिरिक्त छूट देने की भी घोषणा की है.

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एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड, आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स ऐंड सिक्यूरिटीज लिमिटेड और यस सिक्यूरिटीज लिमिटेड इस आईपीओ के लीड मैनेजर हैं.

मिनी रत्न कंपनी

गौरतलब है कि IRCTC की स्थापना 27 सितंबर, 1999 को हुई थी और इसे 1 मई, 2008 को भारत सरकार से मिनी रत्न कंपनी का दर्जा मिला था. यह रेलवे की खान-पान सेवा के अलावा ई-कैटरिंग, एग्जीक्यूटिव लॉन्ज, बजट होटल जैसे सेगमेंट में भी कारोबार करती है. हालांकि, इसका कारोबार मुख्यत: भारतीय रेल पर ही निर्भर है, और रेल मंत्रालय द्वारा किसी नीतिगत बदलाव का इसके मुनाफे पर असर होता है.

क्या है कंपनी की मजबूती

ब्रोकरेज ने IRCTC के लिए पॉजिटिव आउटलुक बरकरार रखा है और उसका कारोबार आगे अच्छा होता देख रहे हैं. आईआरसीटीसी चार तरह के बिजनेस मॉडल पर काम करती है- इंटरनेट टिकटिंग, कैटरिंग, पैकेज्ड ड्रिकिंग वाटर और ट्रैवल एवं टूरिज्म. इसके अलावा इसने अपने कारोबार को विविधिता देते हुए ई-कैटरिंग, एग्जीक्यूटिव लाउंज, बजट होटल जैसे सेगमेंट शुरू किए हैं.

यह भारतीय रेलवे की अधिकृत कैटरिंग सर्विस प्रोवाइडर है. ब्रोकरेज आनंद राठी के अनुसार, 'IRCTC का यूनिक बिजनेस मॉडल है और कंपनी को किसी भी सेगमेंट में कोई प्रतिस्पर्धा देने वाला नहीं है.'

कंपनी का कारोबार काफी मजबूत है. 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी की आय 24.66 फीसदी बढ़कर 1956.7 करोड़ रुपये पहुंच गई. यह अपने गठन के समय से ही मुनाफे में रहने वाली और कर्ज मुक्त कंपनी है. साल 2017 से ही इसके शेयरों पर रिटर्न यानी रिटर्न ऑन इक्विटी 23 फीसदी से भी ज्यादा है. इसके कैटरिंग सर्विस का रेवेन्यू 41 फीसदी बढ़ा है, ट्रैवल ऐंड टूरिज्म में 10.1 फीसदी की बढ़त हुई है. इंटरनेट‍ टिकटिंग के रेवेन्यू में भी 13 फीसदी की बढ़त हुई है.

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क्या है जोखिम

इसका कारोबार पूरी तरह से भारतीय रेल पर निर्भर है, इसलिए रेल मंत्रालय की कोई प्रतिकूल नीति आई तो इसके मुनाफे पर बड़ी चोट पड़ सकती है. इसके अलावा देश में फूड सप्लाई इंडस्ट्री काफी असंगठित है, जिसकी वजह से लोकल सप्लाई में किसी तरह की दिक्कत आने पर आईआरसीटीसी का कारोबार भी प्रभावित हो सकता है. कंपनी पैकेज्ड वाटर और खानपान के लिए पीईटी बोतल और अन्य प्लास्ट‍िक आइटम का इस्तेमाल कर सकती है, जिस पर नियामक सख्ती का असर हो सकता है.

क्‍या होता है आईपीओ

जब भी कोई कंपनी पहली बार बाहर के लोगों, संस्थाओं को अपने शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को इनीशि‍यल पब्लि‍क ऑफर या आईपीओ कहा जाता है. जब आप इन शेयर्स को खरीदते हैं तो आपको कंपनी में हिस्‍सेदारी दी जाती है. इसके बाद इन शेयर्स की स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-फरोख्त की जाती है. सेबी से मंजूरी के बाद आईपीओ जारी किए जाते हैं.

कैसे IPO में करें निवेश?

IPO में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए. इस अकाउंट में आईपीओ में निवेश का ऑप्‍शन होता है. इस ऑप्‍शन को सेलेक्‍ट कर आईपीओ की प्राइसिंग से जुड़ी कुछ सूचनाएं भरने के बाद आवेदन किया जा सकता है. इसके अलावा आप अपने बैंक ब्रांच जाकर ऑफ लाइन आवेदन भी कर सकते हैं. आपके आवेदन के हिसाब से उतनी रकम आईपीओ बंद होने से लिस्टिंग तक ब्लॉक कर दी जाती है.

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(https://www.businesstoday.in/ के इनपुट पर आधारित)

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