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रेलवे स्टेशनों के रिटायरिंग रूम्स बनेंगे होटल, IRCTC को सौंपी गई जिम्मेदारी

देशभर में रेलवे स्टेशनों पर मौजूद रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरीज को प्रोफेशनल तरीके से डेवलप करने और इन्हें यात्रियों को सुख सुविधाओं के साथ मुहैया कराने के इरादे से रेलवे ने आईआरसीटीसी को हरी झंडी दे दी है. रेल मंत्रालय ने हबीबगंज, आनंद विहार, बिजवासन, गांधीनगर और सूरत रेलवे स्टेशनों को छोड़कर पूरे देश के सभी स्टेशनों को आईआरसीटीसी के जिम्मे करने का फैसला किया है.

वर्ल्ड क्लास होटलों की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरीज वर्ल्ड क्लास होटलों की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरीज
रमेश तिवारी/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:03 AM IST

देशभर में रेलवे स्टेशनों पर मौजूद रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरीज को प्रोफेशनल तरीके से डेवलप करने और इन्हें यात्रियों को सुख सुविधाओं के साथ मुहैया कराने के इरादे से रेलवे ने आईआरसीटीसी को हरी झंडी दे दी है. रेल मंत्रालय ने हबीबगंज, आनंद विहार, बिजवासन, गांधीनगर और सूरत रेलवे स्टेशनों को छोड़कर पूरे देश के सभी स्टेशनों को आईआरसीटीसी के जिम्मे करने का फैसला किया है.

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गौरतलब है कि हबीबगंज, आनंद विहार, बिजवासन, गांधीनगर और सूरत रेलवे स्टेशनों को विकसित करने की जिम्मेदारी पहले ही IRSDC को दिए जाने का फैसला लिया जा चुका है.

डॉर्मिटरीज को मन मुताबिक सजाएगा आईआरसीटीसी
मिनी रत्न के तौर पर जानी जाने वाली रेलवे की पीएसयू आईआरसीटीसी देश में मौजूद सभी रेलवे जोनों के साथ अलग-अलग करार करेगी और रेल मंत्रालय के आदेश के मुताबिक रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरीज में मौजूद हर तरह का इंटीरियर और फर्नीचर संबंधित जोन अपने कब्जे में ले लेगा. खाली रिटायरिंग रूम्स और डॉर्मिटरीज को आईआरसीटीसी अपने मन मुताबिक इंटीरियर डेकोरेशन करके सजाएगी. आईआरसीटीसी को ऐसे सभी रिटारिंग रूम्स को होटल की तरह प्रोफेशनल तरीके से चलाने की आजादी होगी. इन जगहों पर खाने पीने की व्यवस्था भी इन्हीं की जिम्मेदारी होगी.

गाइडलाइन भी की गई है जारी
रेलवे ने रिटायरिंग रूम्स और डॉर्मिटरीज को आईआरसीटीसी को जिम्मे किए जाने को लेकर गाइडलाइन भी जारी की है. आईआरसीटीसी को फेज-वाइज टेकओवर का रोडमैप तैयार करने को कहा गया है, जिसके बाद हर एक रेलवे जोन के साथ आईआरसीटीसी को करार करना होगा और टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू करनी होगी. इसी के साथ इन रूमों की बुकिंग को भी ऑनलाइन किया जाएगा.

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वर्ल्ड क्लास होटलों की तर्ज पर करेगी विकसित
आईआरसीटीसी के सीएमडी डॉ एके मनोचा रेल मंत्रालय के इस फैसले से बेहद खुश हैं. उनके मुताबिक वो खुद 2014 से इसके लिए प्रयास कर रहे थे. डॉ मनोचा का कहना है कि उनकी कंपनी बेहद पेशेवर है और टूरिज्म में अनुभव के चलते वो रेलवे के रिटायरिंग रूम्स को विश्व स्तरीय होटलों की तर्ज पर विकसित करने में सफल होगें.

काम में पूरी ताकत झोंकने को तैयार आईआरसीटीसी
उनके मुताबिक आईआरसीटीसी रेल यात्रियों के लिए बेहतर टूरिज्म अनुभव के लिए पूरी ताकत लगा देगी. उनके मुताबिक देश भर के 408 स्टेशनों पर मौजूद रिटायरिंग रूम्स और डॉर्मिटरीज को वो अपने पास लेने को तुरंत तैयार हैं. उन जगहों पर जहां पर आईआरसीटीसी खुद कामकाज देखेगी वहां के लिए रेलवे और आईआरसीटीसी के बीच 25 और 75 फीसदी के अनुपात में रेवेन्यू शेयरिंग होना तय हुआ है.

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