
नोटबंदी के बाद बैंकों की अनियमितताओं की खबरें देश भर से आ रही हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. शहर के मौदहापारा में यूको बैंक की ब्रांच में बड़े पैमाने पर नए नोटों को पुराने नोट में तब्दील कर रिकॉर्ड में दिखा दिया गया. घोटाले के सामने आने के बाद बैंक ने दो महिला कैशियर को सस्पेंड कर दिया है.
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक दर्शन खेमानी नाम के स्थानीय दवा कारोबारी ने नवंबर महीने में 2-2 हजार रुपये के सौ नोटों की एक गड्डी के अलावा 100-100 रुपये के नोट की 9 गड्डियां जमा करवाई थीं. खेमानी ने कुल 2.90 लाख की ये रकम अपने करेंट अकाउंट में जमा करवाई थी. उनके मुताबिक बैंक ने कुछ दिन बाद कैश हैंडलिंग चार्ज के तौर पर 35 रुपये काट लिए. बैंक नियमों के तहत करेंट अकाउंट में नोटों के दस बंडल तक जमा करवाने पर कैश हैंडलिंग चार्ज नहीं लगता.
लिहाजा खेमानी ने बैंक से शिकायत की. पड़ताल के दौरान एक बैंक कर्मी ने दावा किया कि खेमानी ने 13 बंडल जमा करवाए हैं. खेमानी ने इस बात का खंडन करने के लिए जमा पर्ची दिखाई. उनके कहने पर दोबारा जांच हुई तो कंप्यूटर रिकॉर्ड में 500 रुपये के पुराने नोटों के चार बंडल जमा थे. जबकि कंप्यूटर में 2 हजार के नए नोटों के जमा होने की कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. आखिरकार पतला चला कि कैश रूम में काम कर रहीं दो कैशियर इस घालमेल के लिए जिम्मेदार थीं.
काले पैसे का खेल?
आशंका जताई जा रही है कि इस बैंक में बड़े पैमाने पर काला पैसा खपाया गया है. इस बात का भी शक है कि इस गोरखधंधे में बैंक के कई आला अफसर भी शामिल हो सकते हैं.