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'मदारी' के प्रमोशन के दौरान इरफान बोले-कुर्बानी का मतलब जान लेना नहीं

इरफान खान अपनी आने वाली फिल्म 'मदारी' के प्रमोशन के लिए जयपुर पहुंचे और वहां एक विवादित बयान दिया.

इरफान खान इरफान खान
दीपिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2016,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

'तलवार', 'जज्बा' और 'पीकू' जैसी फिल्मों से प्रशंसा हासिल करने वाले अभिनेता इरफान खान आगामी फिल्म 'मदारी' के प्रचार के लिए अपने होम टाउन जयपुर में हैं. 'मदारी' के प्रमोशनल इवेंट में ईद-उल-जुहा को लेकर इरफान खान ने विवादित बयान दिया है.

इरफान ने कहा, 'कुर्बानी का मतलब अपनी कोई अजीज चीज कुर्बान करना होता है. ये नहीं कि बाजार से आप कोई दो बकरे खरीद लाए और उनको कुर्बान कर दिया. आपको उन बकरों से कोई लेना-देना नहीं है तो वो कुर्बानी कहां से हुई? इससे कौन-सी दुआ कुबूल होती है? हर आदमी अपने दिल से पूछे कि किसी और की जान लेने से उसको कैसे पुण्य मिल जाएगा.'

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इरफान ने यह भी कहा कि हमारे जो भी त्योहार हैं, उनका मतलब हमें वापस से समझना चाहिए कि वो किसलिए बनाए गए हैं. मेरा सौभाग्य है कि मैं ऐसे देश में रह रहा हूं जहां हर धर्म का सम्मान होता है.'

इरफान ने मंत्रियों पर भी निशाना साधते हुए कहा, 'जिस तरह मदारी डमरू बजाकर वादा करता था कि सांप और नेवले की लड़ाई दिखाएगा, लेकिन कभी दिखाता नहीं, ऐसे ही वादे मंत्री करते हैं, पर पूरा नहीं कर पाते.'

'मदारी' की कहानी इरफान के चरित्र के आसपास घूमती है, जो अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए गृह मंत्री के बेटे का अपहरण कर लेता है और जिमी शेरगिल के नेतृत्व में अधिकारी उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं. निशिकांत कामत निर्देशित फिल्म 'मदारी' 15 जुलाई को रिलीज होगी.

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अब शुरू हुआ बयानबाजी का खेल
इरफान के इस बयान के खिलाफ जयपुर के उलमे और मौलवियों ने कहा कि इरफान एक्टर हैं और एक्टिंग ही करें, पब्लिसिटी के चक्कर में न पड़ें.

इरफान के हमले का अगला निशाना मुसलमान दहशतगर्दी के खिलाफ खामोशी के लिए बने. इरफान ने कहा कि मुसलमान चुप क्यों हैं आतंकवाद के खिलाफ. नेताओं को भी मदारी बताते हुए कहा कि जनता को नेताओं से सवाल पूछना चाहिए न कि चुप रहना चाहिए.

धार्मिक मामलों में इरफान खान की दखलअंदाजी मुश्लिम धर्मगुरुओं को रास नही आई और सबने एक स्वर से इरफान का विरोध किया. जमायत उलेमा ए हिंद ने कहा है कि इरफान एक्टर हैं और एक्टिंग करें धर्म के मामले में न बोलें जमायत उलेमा ए हिंद के स्टेट जेनरेल सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल वाहिद खत्री इरफान ये सब अपनी पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं.

अच्छा होगा वो धार्मिक मामलों में दखल न दें. जबकि शहर काजी शेर काजी खालीद उस्मानी ने कहा है कि इरफान को इस्लाम का ज्ञान नही है इसलिए चुप रहे हैं तो बेहतर है.

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