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इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ केस में निलंबित IPS पीपी पांडे बने गांधीनगर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी पीपी पांडे को हाल ही में सीबीआई की एक अदालत से जमानत मिली है. जमानत मिलने के चार दिनों के बाद गुजरात सरकार ने निलंबन रद्द करते हुए उन्हें फिर से सेवा में बहाल कर दिया.

2004 में 19 साल की इशरत की हुई थी हत्या 2004 में 19 साल की इशरत की हुई थी हत्या
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी पीपी पांडे को हाल ही में सीबीआई की एक अदालत से जमानत मिली है. जमानत मिलने के चार दिनों के बाद गुजरात सरकार ने निलंबन रद्द करते हुए उन्हें फिर से सेवा में बहाल कर दिया.

राज्य के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, राज्य सरकार ने पीपी पांडे के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है और उन्हें गुजरात राज्य के गांधीनगर में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(लॉ एंड ऑर्डर) के खाली पड़े पद पर तैनात किया गया है. जुलाई 2013 में जब सीबीआई ने पांडे को गिरफ्तार किया था. उस समय वह एडीजीपी-सीआईडी (अपराध) थे और बाद में उन्हें एक अदालत में पेश किया गया था.

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2004 के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने पांच फरवरी को पांडे और तीन अन्य को जमानत दे दी थी. याद रहे कि 15 जून, 2004 को शहर के बाहरी इलाके में एक मुठभेड़ में अहमदाबाद अपराध शाखा के अधिकारियों ने मुंबई की 19 वर्षीय छात्रा इशरत जहां, प्रनेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख, अमजद अली राना और जीशान जौहर की कथित रूप से हत्या कर दी गई थी.

घटना के वक्त पीपी पांडे ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर थे. सीबीआई ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया था, जिसकी साजिश गुजरात पुलिस और आईबी ने संयुक्त रूप से रची थी.

-इनपुट भाषा

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