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तालिबानी आतंकियों के सहारे कश्मीर में खूनी खेल खेलने की फिराक में ISI

खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, घाटी में लंबे अर्से से लश्कर के भरोसे रही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अब अपने प्रभाव वाले अफगानी आतंकियों को भी कश्मीर में आतंकी हमले की नापाक मुहिम में शामिल कर लिया है.

आतंकियों के इंटरसेप्ट से खुलासा आतंकियों के इंटरसेप्ट से खुलासा
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

बर्फ की चादर ओढ़े कश्मीर की सफेद धरती को खून से लाल करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अफगानी आतंकियों पर दांव लगाया है. खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, घाटी में लंबे अर्से से लश्कर के भरोसे रही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अब अपने प्रभाव वाले अफगानी आतंकियों को भी कश्मीर में आतंकी हमले की नापाक मुहिम में शामिल कर लिया है. इसके लिए उसने बाकायदा मीटिंग्स कर प्लॉनिंग तैयार कर ली है.

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तालिबानी और लश्कर आतंकियों को साथ ट्रेनिंग दे रहा ISI
हिंदुस्तानी एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, स्वात घाटी में आईएसआईए ने अफगानी आतंकियों के आकाओं के साथ एक लंबी मुलाकात की और उसके बाद इन लोगों ने कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए के लिए बाकायदा लोगों को ट्रैनिंग और हमले की प्लानिंग दी है. एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, तालिबानी और लश्कर के आतंकियों को एक साथ ट्रैनिंग दी गई है. ये ट्रैनिंग पहले स्वात घाटी में हुई, फिर उसके बाद तोरा-बोरा की पहाड़ियों में भी आतंकियों को एक ट्रैंनिंग कैंप में रखा गया है.

सुरक्षा बलों ने इंटरसेप्ट की आतंकियों की बातचीत
पश्तो भाषा में बात कर रहे आतंकियों के इंटरसेप्ट से इस बात का खुलासा हुआ है. इस बातचीत में यह भी पता चला कि आईएसआईए के अधिकारियों ने सर्दियों के बीच घुसपैठ कराने का प्ल़ॉन तैयार किया है. इस प्लान को पाकिस्तान की ओर से सर्दियों में घाटी को दहलाने के बड़ी साजिश के एक हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है. हिंदुस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को इस खतरे से निबटने के लिए अलर्ट पर रखा गया है.

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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से आतंकियों में डर
भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार जाकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लॉन्च पैड पर हमले और फिर सेना के साथ मुठभेड़ में कई आतंकियों की मौत के बाद से लश्कर और जैश के आतंकियों में डर का माहौल है. सीमा पर चौकस भारतीय सैनिकों ने आतंकियों के घुसपैठ की कई योजनाएं नाकाम किया. इस साल 2 दिसबंर तक सेना ने 97 मुठभेड़ों में 146 आतंकियों को ढेर किया है. इसी के चलते पाकिस्तान में चल रही ज्यादातर आतंकी कैंपों से लश्कर और जैश के आतंकियों ने किनारा कर लिया. इसके चलते आईएसआई ने अब अफगानी आतंकियों को भी अपनी साजिश का औजार बना लिया है.

आईएसआई ने 22 दिनों तक दी आतंकियों को ट्रेनिंग
खुफिया रिपोर्टस के मुताबिक, पाकिस्तान ने कश्मीरी इलाके और भाषा से परिचित लश्कर आतंकियों को अफगानी आतंकियों के साथ ट्रेनिंग दी, ताकि वे उन्हें भाषा और इलाके की समझ में मदद दें. सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक, ट्रेनिंग के बाद इन आतंकियों की टीमों को लॉन्चिंग पैड्स पर भी भेजा जा चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्दियों में कश्मीर घाटी में आतंक को बढ़ावा देने के लिए आईएसआई इन आतंकियों को स्नो वारफेयर और माउंटेन वारफ़ेयर ऑपरेशन की ट्रेनिंग दे रही है. नवंबर से शुरू हुई ये ट्रैनिंग पूरे 22 दिनों तक चली, जिसमें आतंकियों को हमले और घुसपैठ के लिए हाई ऐल्टिट्यूड ट्रेनिंग दी गई.

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सेना ने आतंकियों को दिए स्पेशल सूट्स और विदेशी हथियार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में सीमा पार से घुसपैठ और हमला करने के लिए आतंकियों को ट्रैनिंग के अलावा पाकिस्तानी सेना स्पेशल सूट्स भी दे रही है और आतंकियों के हाथ में विदेशी हथियार थमाएं जा रहे हैं, जिनको पाकिस्तानी सेना के लिए आयात किया गया था. ट्रैनिग के बाद आतंकियों को उन लॉन्चिंग पैड्स पर भेजा गया है, जिनको सर्जिकल स्ट्राईक के बाद खाली कर दिया था. सीमा के उस पार बने लॉन्चिंग पैड्स पर आतंकियों की गतिविधियां बढ़ने की रिपोर्ट हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियों को लगातर मिल रही है. सर्जिकल्स स्ट्राईक से पहले एलओसी और आईबी के पार चल रहे लगभग 42 लॉन्चिंग पैड्स में ज्यादातर पर फिर से आंतकी पहुंच गए हैं.

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