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जहरीली गैस से तबाही मचाने की तैयारी में है ISIS

खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इराक और सीरिया में जहरीली गैस का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पिछले महीने विशेष सुरक्षा अभियान दल ने इराक में एक आईएस आतंकवादी को पकड़ा था, जिसने इस बात का खुलासा किया.

आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट
मुकेश कुमार/IANS
  • वाशिंगटन,
  • 10 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इराक और सीरिया में जहरीली गैस का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पिछले महीने विशेष सुरक्षा अभियान दल ने इराक में एक आईएस आतंकवादी को पकड़ा था, जिसने इस बात का खुलासा किया.

समाचारपत्र 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि आईएस के इस आतंकवादी की पहचान स्लेमान दाऊद अल-अफारी के रूप में हुई है. वह रासायनिक और जैविक हथियारों का जानकार है. उसने इराक की सद्दाम हुसैन सरकार के साथ भी काम किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस के इस आतंकवादी को अमेरिकी सेना को सौंपने की बजाय इराकी और कुर्दिश प्रशासन को सौंपा जाएगा. वहीं, एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर 'न्यूयॉर्क टाइम्स' को बताया कि आईएस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली गैस किसी की जान लेने में समर्थ नहीं है.

ओबामा को है लड़ाई जीतने का विश्वास
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका बर्बर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट को नष्ट कर देगा. सीरियाई संघर्ष का खात्मा इस कोशिश में बड़ा कदम होगा. उन्होंने कहा कि हम बहुत मजबूती के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं. हमें विश्वास है कि हम लोग ही इस लड़ाई को जीतेंगे.

डर्टी बम बना सकता है आईएसआईएस
बताते चलें कि इराक की एक फैक्ट्री से चोरी रेडियोएक्टिव मेटेरियल ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है. ऐसा शक है कि इसे आईएसआईएस ने चुराया है और वह उसका इस्तेमाल करके डर्टी बम बना सकता है, जिसका अंजाम बहुत खौफनाक हो सकता है. क्योंकि ये बम बहुत खतरनाक होता है.

रेडियोएक्टिव मेटेरियल कैप्सूल गायब
दक्षिणी इराकी शहर बसरा की एक फैक्ट्री से रेडियोएक्टिव मेटेरियल के कैप्सूल गायब हो गए हैं. इस मेटेरियल का इस्तेमाल गैस और तेल की पाइपलाइन में बहाव को बनाए रखने और कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी चपेट में आने से इंसान मौत के मुंह में भी समा सकता है.

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