
मध्य प्रदेश में हुए ट्रेन बम ब्लास्ट के बाद हरकत में आई तेलंगाना पुलिस की सूचना पर यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई संदिग्ध आतंकियों को धर-दबोचा, वहीं एक आंतकी को मार गिराया गया. यदि आतंकियों के सेटेलाइट फोन में खराबी नहीं आती, तो शायद उन्हें पकड़ पाना मुश्किल होता और वे अपने नापाक मूंसबों में सफल हो जाते.
जानकारी के मुताबिक, भोपाल ट्रेन ब्लास्ट से पहले आतंकियों ने बम की तस्वीरें सीरिया भेजी थीं. उस वक्त सेटेलाइट फोन के जरिए बात भी हुई थी. आतंकी संगठन आईएसआईएस गतिविधियों पर नजर बनाए हुई तेलंगाना पुलिस ने इसे ट्रेस कर लिया. उनको पता चल गया था कि यूपी और एमपी के बीच आतंक का ऑनलाइन लिंक जुड़ रहा है.
सेटेलाइन फोन से ट्रेस हुआ आतंकी लोकेशन
आतंकियों द्वारा सेटेलाइन फोन और फर्जी एक्सचेंज के जरिए फीड भेजने के दौरान नेटवर्क फेल होने की वजह से उनका लोकेशन ट्रेस हो गया. इसकी सूचना तुरंत मध्य प्रदेश और यूपी पुलिस को दी गई. इसके बाद यूपी एटीएस ने लखनऊ, कानपुर और इटावा में तेलंगाना पुलिस द्वारा ट्रेस किए गए लोकेशन पर धावा बोल दिया. मध्य प्रदेश पुलिस भी सक्रिय हो गई.
चार राज्यों की पुलिस के बीच कोआर्डिनेशन
यूपी एटीएस ने कानपुर और इटावा से संदिग्धों को पकड़ लिया, लेकिन लखनऊ में संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह ने सरेंडर करने से मना कर दिया. करीब 11 घंटे चले एनकाउंटर के बाद पुलिस ने उसे मार गिराया. आतंक के खिलाफ इस पूरी कार्रवाई में चार राज्यों केरल, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने साथ मिलकर शानदार काम किया, जो मिसाल है.
ISIS पर तेलंगाना पुलिस की पैनी नजर
बताते चलें कि तेलंगाना पुलिस की आईएसआईएस के मॉड्यूल पर 2011 से पैनी नजर रखे हुए है. यह रोजाना केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु पुलिस से खुफिया जानकारी साझा करती रही. 2015 से अब तक यह 19 संदिग्धों की धरपकड़ कर चुकी है. 2015 में इसने कोलकाता से हैदराबाद के छह युवकों को पकड़ा था, जो सीरिया जाने की योजना बना रहे थे.