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अंडमान निकोबारः चीन की बढ़ती गतिविधि से सतर्क भारत बिछा रहा ऑप्टिकल फाइबर केबल

मुख्य द्वीप के साथ ही इस द्वीप समूह के अन्य द्वीपों पर भी देश के अन्य हिस्सों की तरह हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जा रहा है. इस कार्य के साल 2020 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मंजीत नेगी
  • पोर्ट ब्लेयर,
  • 15 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:51 PM IST

  • द्वीप समूह के विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही आईडीए
  • चेन्नई से बिछाई जा रही केबल, तीन द्वीपों के विकास पर भी ध्यान

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से सतर्क भारत अब इन पर नजर रखने के लिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह में संपर्क के विकास पर विशेष ध्यान दे रहा है. दो दशक से अधिक समय तक टालमटोल करने के बाद अब आइसलैंड्स डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है.

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मुख्य द्वीप के साथ ही इस द्वीप समूह के अन्य द्वीपों पर भी देश के अन्य हिस्सों की तरह हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जा रहा है. इस कार्य के साल 2020 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. एजेंसी पहचान किए गए तीन नए द्वीपों के विकास के लिए भी कार्य कर रही है.

नौसेना के पूर्व प्रमुख और अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल डीके जोशी की निगरानी में दो साल पहले पुनर्जीवित की गई आईडीए निजी क्षेत्र के सहयोग से इन द्वीपों पर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रही है. रणनीतिक दृष्टि से इससे भारत को हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने में सहायता मिलेगी.

अंडमान एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े एक अधिकारी ने आज तक को बताया कि चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर और सा द्वीपों को कनेक्ट करेगी. यह कार्य योजना के अनुरूप चल रहा है और इसे 2020 के मध्य तक पूर्ण कर लिया जाएगा. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल (साल 1980) में आईडीए की स्थापना हुई थी. पिछले दो साल में आईडीए की कई मीटिंग्स हुईं और ग्रेट निकोबार, लिटिल अंडमान समेत द्वीपों के विकास के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक राई की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी.

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इस कमेटी ने नीति आयोग को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी. अथॉरिटी मानव और वन्य जीवों से जुड़े विवाद के समाधान की दिशा में भी द वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून के सहयोग से प्रयास कर रही है. बता दें कि हिंद महासागर में चीन की सक्रियता पिछले कुछ सालों में बढ़ी है.

पिछले दिनों चीनी रिसर्च शिप के भारतीय जल क्षेत्र में घुस आने की जानकारी देते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा था कि बगैर अनुमति घुस आए इस शिप को खदेड़ दिया गया. हालांकि चीन ने भारतीय जल क्षेत्र में किसी प्रयोग की खबरों को गलत बताते हुए चीन ने स्वीकार किया था कि उसका शिप अंडमान के करीब से गुजरा था. इसी वर्ष जनवरी माह में इस द्वीप समूह पर तीसरे हवाई अड्डे का भी शुभारंभ किया गया था.

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