Advertisement

अगले महीने लॉन्च होगा ISRO का सबसे पावरफुल रॉकेट

भारत जून तक अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 लॉन्च करने की योजना बना रहा है. जो 4 टन भारी संचार उपग्रह को ले जाने में सक्षम होगा . साथ ही अंतरिक्ष मिशन के पहले संस्करण में 'गेम-चेंजर' के रूप में साबित होगा.

जून में लांच करेगा इसरो सबसे शक्तिशाली रॉकेट [file photo] जून में लांच करेगा इसरो सबसे शक्तिशाली रॉकेट [file photo]
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2017,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि वह जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हेकल (जीएसएलवी) मार्क-3 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है. जिससे अंतर्राष्ट्रीय लॉन्चिंग वाहनों पर निर्भरता को कम किया जा सके. इसके अंतर्गत मल्टी बिलियन डॉलर के वैश्विक अंतरिक्ष बाजार का अधिक से अधिक हिस्सा लेने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके. इसकी सभी प्रणालियां श्रीहरिकोटा में हैं.

Advertisement

इस रॉकेट का सफल प्रक्षेपण देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक और बड़ा कदम होगा. इसरो के पास वर्तमान कक्षा में 2.2 टन तक के पेलोड को लॉन्च करने की क्षमता है.

इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने कहा कि जीएसएलवी मार्क -3 हमारी अगली शुभारंभ है. उनका कहना है कि विभिन्न चरणों को इकट्ठा करने और उन्हें एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है. जून के पहले हफ्ते में इस लांच को पूरा करने का लक्ष्य है. इसरो का मानना है कि यह रॉकेट 'गेम-चेंजर मिशन के रूप में आयेगा.

जीएसएलवी मार्क-3 होगा रॉकेट
जीएसएलवी मार्क-3 भारत के सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन बनेगी, जो कि सबसे भारी भारतीय संचार उपग्रहों को अंतरिक्ष में ऊपर उठाएगा. यह अंतरिक्ष में 4 टन वजनी उपग्रहों को उठा सकता है. यह रॉकेट भारत के भारी संचार अंतरिक्ष यान को 36,000 किमी दूर भू-स्थिर कक्षाओं में लॉन्च करने में सक्षम होगा. एक शक्तिशाली लांचर ना होने के कारण, इसरो वर्तमान में यूरोपीय रॉकेट की मदद से भारी फीस पर 2 टन से ऊपर भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करता आया है.

Advertisement

वर्तमान जीएसएलवी की तुलना में उच्च पेलोड क्षमता
जीएसएलवी मार्क -3 का लक्ष्य उपग्रहों को जियोस्टेशनरी कक्षा में लॉन्च करना है. इसमें एक भारतीय क्रायोजेनिक का तीसरा चरण और वर्तमान जीएसएलवी की तुलना में उच्च पेलोड क्षमता है. किरण कुमार ने कहा कि इसरो द्वारा विकसित स्वदेशी लीथीयम-आयन बैटरी लागत को दोखते हुए अंतरिक्ष के लिए अच्छा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement