
दिवाली के मौके पर ISRO ने देशवासियों को खुश होने का एक और मौका दे दिया है. दरअसल, दिवाली की सुबह को एक कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च कर दिया गया.
एरियाने-5 रॉकेट के जरिए लॉन्च
भारत का संचार उपग्रह जीसैट-15 बुधवार तड़के फ्रेंच गुयाना के कोरू अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से कामयाबी के साथ प्रक्षेपित किया गया. प्रक्षेपण एरियाने-5 रॉकेट के जरिए किया गया.
यूरोपीय लॉन्चर भारतीय वक्त के मुताबिक, तड़के 3 बजकर 4 मिनट पर रवाना हुआ और जीसैट-15 को बिना किसी चूक के अंतरिक्ष में पहुंचा दिया. जीसैट-15 को इसके सहयात्री अरबसैट-6बी (BADR-7) को अंतरिक्ष में भेजे जाने के बाद जिओसिंक्रोनस ट्रांसफर कक्षा में प्रक्षेपित किया गया.
सैटेलाइट की क्षमता ज्यादा
एरियानस्पेस ने कहा, ‘एरियानस्पेस ने दो उपग्रहों (अरबसैट -6बी और इसरो) के लिए जीसैट -15 का का सफल प्रक्षेपण किया.’ इसरो ने कहा कि उड़ान के समय कुल 3,164 किलोग्राम के वजन वाला जीसैट-15 इनसैट (जीसैट प्रणाली में शामिल किया जाने वाला उच्च क्षमता संपन्न उपग्रह है. इसमें केयू- बैंड के 24 संचार ट्रांसपोंडर हैं और यह गगन :जीपीएस एडेड जियो ऑग्यूमेंटेड नेविगेशन) पेलोड L1 और L5 बैंड में संचालित हो रहा है.
जीसैट-8 और जीसैट-10 के बाद जीसैट-15 ऐसा तीसरा उपग्रह है, जो गगन पेलोड को लेकर गया है. जीसैट-8 और जीसैट-10 पहले से ही कक्षा से नेविगेशन की सेवाएं मुहैया करा रहे हैं. इसमें केयू-बैंड वाला प्रकाश स्तंभ भी लगा है, ताकि जमीन पर लगे एंटीना को उपग्रह की ओर सटीक ढंग से संतुलित किया जा सके.
जीसैट-15 ऐसा 19वां पेलोड होगा, जिसे एरियानेस्पेस ने इसरो के लिए प्रक्षेपित किया है.
उपग्रह की स्थिति एकदम ठीक
इसरो उपग्रह केंद्र (ISAC) के निदेशक एम अन्नादुरई ने कौरू में कहा, ‘कर्नाटक के हसन में मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी ने जीसैट-15 उपग्रह से संकेत प्राप्त कर लिए है. इसे आरंभ करने के आदेश प्रक्रिया में है और उपग्रह की स्थिति पूरी तरह से ठीक है.’
अन्नादुरई ने कहा कि जीसैट-15 के प्रक्षेपण से इसरो भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए केयू बैंड में सेवाएं प्रदान करना जारी रख पाएगा. इसके अलावा जीसैट-15 का नेविगेशन पेलोड गगन नागरिक उड्डयन क्षेत्र में जीवन नेविगेशन की सेवाओं की सुरक्षा के साथ साथ भारतीय क्षेत्र में विभिन्न सेवाओं के लिए अन्य स्थल आधारित सेवाएं सुनिश्चित करने में कक्षा में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि दो और संचार उपग्रह जीसैट-17 और जीसैट-18 भी आगामी वर्ष एरियान यान द्वारा प्रक्षेपण के लिए तैयार किए जा रहे हैं. ‘‘दोनों उपग्रहों का काम काफी आगे के चरण पर पहुंच गया है.’ दूरदर्शन ने इस प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण किया.
इसरो ने कहा कि जीसैट 15 केयू बैंड क्षमता के संवर्धन के साथ साथ स्वदेशी परिचालन उपग्रह क्षमता का प्रतिस्थापन भी मुहैया कराएगा.
इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने एक रिकॉर्डिड संदेश में कहा, ‘जीसैट -15 का प्रक्षेपण देश में उपग्रह दिशा सूचक पहल के बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाने और संचार के आधारभूत ढांचे को बनाए रखने की दिशा में आगे की ओर एक कदम है.’
भारतीय उपग्रह के साथ प्रक्षेपित अरबसैट-6बी को सउदी अरब के अरबसैट के साथ एक तैयारशुदा करार के तहत एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और थेल्स एरियान स्पेस के लिए एरियान 5 वीए 227 के जरिए प्रक्षेपित किया गया..
इनपुट: भाषा