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इस देश में सानिया मिर्जा होना मुश्किलः सानिया मिर्जा

भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं. सानिया ने एक ऐसा बयान दे डाला है, जिस पर विवाद हो सकता है. सानिया मिर्जा ने कहा कि लिंग असमानता के कारण इस देश में सानिया मिर्जा होना मुश्किल है.

सानिया मिर्जा सानिया मिर्जा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं. सानिया ने एक ऐसा बयान दे डाला है, जिस पर विवाद हो सकता है. सानिया मिर्जा ने कहा कि लिंग असमानता के कारण इस देश में सानिया मिर्जा होना मुश्किल है.

सानिया ने महिला खिलाड़ी होने के कारण अपने करियर के दौरान आई मुश्किलों का जिक्र करते हुए कहा, 'हां, इस देश में सानिया मिर्जा होना मुश्किल है. मेरा मानना है कि मुझे अपने करियर में अधिकतर विवादों का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि मैं महिला हूं. अगर मैं पुरुष होती तो इनमें से कुछ विवादों से बच सकती थी.'

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सानिया को दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला सद्भावना दूत नियुक्त किया गया. वह महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए अभियान चलाने और लिंग समानता के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए इससे जुड़ी हैं. सानिया दक्षिण एशिया क्षेत्र की पहली महिला हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महिला के इतिहास में सद्भावना दूत नियुक्त किया गया. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत में खेलों में अधिक महिलाओं को आना चाहिए. संस्कृति को बदलने की जरूरत है. सरकार इसमें शामिल हो रही है और मुझे लगता है कि इससे काफी चीजों में बदलाव हो रहा है. हमारे वर्तमान खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल महिला खेलों को बहुत बढ़ावा देते हैं और मैंने निजी रूप से यह देखा है.'

सानिया ने कहा, 'मुझे खुशी है कि सरकार भी हमारे समाज में व्याप्त लिंग असमानता पर बात कर रही है और सचाई यह है कि वह इसको लेकर कुछ करने की कोशिश कर रही है जिससे पता चलता है कि यह कितना जरूरी है.'

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सानिया ने कहा, 'हमें सांस्कृतिक बदलाव की जरूरत है और उम्मीद है कि मीडिया भी जिम्मेदारी लेगा. मीडिया की भूमिका अहम होती है. वह बदलाव ला सकता है और उसे ऐसा करना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'लिंग समानता का हम सभी को समर्थन करना चाहिए. कुछ इस बारे में बोलते हैं कुछ नहीं. मुझे इस पर बोलने के लिए चुना गया है. मुझे उम्मीद है कि एक दिन सभी बोलेंगे कि हम सब एक हैं और महिलाओं के साथ वस्तु की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा. मैं बदलाव लाने के लिए अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करूंगी.'

- इनपुट भाषा

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