
केरल तट के पास 2012 में दो भारतीय मछुआरों को मार दिए जाने के आरोपी दो इतालवी मरीनों में से एक मासीमिलानो लातोरे भारत नहीं लौटेगा. इतालवी सीनेट की रक्षा समिति के प्रमुख ने यह बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट ने लातोरे को मस्तिष्काघात होने पर उसे चार माह के लिए इटली जाने की सितंबर 2014 में अनुमति दी थी. बाद में वहां उसके प्रवास की अवधि और बढ़ा दी गई.
इटली की संवाद समिति आंसा ने सांसद निकोला लातोरे के हवाले से कहा, 'मासीमिलानो लातोरे भारत नहीं जाएगा तथा सल्वातोरे गिरोन को इटली वापस लाने के लिए अनुरोध किए जाने की संभावना पर काम किया जा रहा है.' सल्वातोरे अभी तक यहां है और इटली उसकी भी वापसी चाह रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 13 जुलाई को लातोरे को चिकित्सा आधार पर छह माह तक इटली में और रहने की अनुमति दी थी क्योंकि सरकार ने इस अनुरोध का विरोध नहीं किया था. छह माह की अवधि बुधवार समाप्त हो रही है. इस मामले की कल शीर्ष न्यायालय में सुनवाई हो सकती है.
क्या है मामला?
दोनों मरीन एनरिका लेक्सी जहाज पर सवार थे. उन पर 15 फरवरी 2012 को केरल तट के पास समुद्री डाकू समझने की गलती में दो भारतीय मछुआरों को मारने का आरोप है.
उच्च न्यायालय ने दोनों मरीन के खिलाफ मुकदमे में अदालती कार्रवाई को पिछले साल अगस्त में स्थगित कर दिया था. उसने समुद्री कानून के बारे में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के आदेश का पालन करते हुए ऐसा किया. इटली ने अंतरराष्ट्रीय पंचाट के लिए न्यायाधिकरण में गुहार लगाई थी.