
इटली में सॉफ्टवेयर अपडेशन के चलते पुराने मोबाइल फोन के धीमे पड़ने की शिकायत मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनियों को काफी महंगी पड़ गई. दरअसल ऐपल और सैमसंग के खिलाफ की गई इस शिकायत के बाद इटली की रेगुलेटरी बॉडी एंटी ट्रस्ट वॉचडॉग ने दोनों कंपनियों पर (अलग-अलग) 5.7 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है.
रेगुलेटरी बॉडी ने बुधवार को कहा कि सॉफ्टवेयर अपडेटन के दौरान उनके मोबाइल फोन की प्रोसेसिंग धीमी पड़ने की शिकायतों के चलते ऐपल और सैमसंग पर 5 मिलियन यूरो (5.7 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया.
शिकायत मिली थी कि ग्राहकों को हैंडसेट की बैटरी की मैंटेनेंस और जरूरत पड़ने पर उसे कैसे बदला जा सकते है, इस बात की जानकारी देने में भी फेल रही है. इसके चलते ऐपल पर और 5 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया है.
इटली के ग्राहकों के समूह ने शिकायत में कहा था कि मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर अपडेटशन से डिवाइस की कार्यक्षमता धीमी हो जाती है. कंपनी पर आरोप है कि वे ऐसे मोबाइल फोन इसलिए डिजाइन करते हैं, जिससे ग्राहकों को नए हैंडसेट खरीदने मजबूर होना पड़े.
एंटी ट्रस्ट बॉडी ने एक बयान में कहा कि ऐपल और सैमसंग के कुछ फर्मवेयर अपडेट 'प्रोसेसिंग तेज होने की बजाय गंभीर खराबी और प्रदर्शन में भारी कमी' का कारण बनते हैं.
आगे उन्होंने बताया कि दोनों कंपनियों ने ग्राहकों को नए सॉफ्टवेयर के असर या प्रोडक्ट की किसी भी तरह की ओरिजनल फंक्शनेलिटी को रिस्टोर करने संबंधी पर्याप्त जानकारी नहीं दी.
ऐपल को पिछले साल की जानकारी थी कि आईफोन सॉफ्टवेयर के चलते कुछ फोन में स्लो डाउन और बैटरी से जुड़ी समस्याएं आ रही है. लेकिन प्रोडक्ट की लाइफ को कम करने के उद्देश्य से जानबूझकर इसपर काम नहीं किया.
हालांकि, कंपनी ने अपनी इस गलती के लिए माफी मांगी और बैटरी बदले जाने की लागत में कमी की थी. वहीं, इससे पहले सैमसंग उसके फोन के सॉफ्टवेयर अपडेशन को लेकर कभी सवालों के घेरे में नहीं आया है.