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विदेशी जमीन पर पहला शतक लगाने के बाद बोले मुरली विजय, 'सपना सच हो गया'

विदेशी सरजमीं पर अपना पहला और करियर का चौथा शतक जड़ने के बाद भारतीय सलामी बल्लेबाज मुरली विजय खुश हैं. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन शतक जमाना सपना सच होने जैसा है.

Murali Vijay Murali Vijay
aajtak.in
  • नॉटिंघम,
  • 30 नवंबर 1999,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST

विदेशी सरजमीं पर अपना पहला और करियर का चौथा शतक जड़ने के बाद भारतीय सलामी बल्लेबाज मुरली विजय खुश हैं. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन शतक जमाना सपना सच होने जैसा है.

विजय अभी 122 रन बनाकर खेल रहे हैं. उनकी शानदार पारी की बदौलत भारत पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 259 रन बना चुका है. विजय ने दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं अभ्यास मैच और नेट्स पर गेंद को अच्छी तरह हिट कर रहा था. इसलिए मैं सकारात्मक सोच के साथ उतरा था और टीम को अच्छी शुरुआत देना चाहता था. पिच बल्लेबाजी के अनुकूल थी और मैं इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता था. मैंने इसका सपना देखा था और यह सच हो जाने से बहुत खुश हूं.'

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मुरली विजय ने दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में भी आठ पारियों में अच्छी शुरूआत की थी लेकिन वह केवल अर्धशतक लगा पाए थे. उन्होंने बताया कि यह बात किसी हद तक उनके दिमाग में थी लेकिन उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला. विजय ने कहा, 'वहां जो कुछ हुआ उसके लिये मेरे पास कोई बहाना नहीं है मैं कुछ अच्छी गेंदों पर आउट हो गया लेकिन आखिर में सच यही था कि मैंने वहां रन नहीं बनाए थे. इसलिए मैंने उससे सबक सीखा और इस बारे में ज्यादा सोचे बिना आगे बढ़ गया.'

उन्होंने कहा, 'मैंने धैर्य बनाए रखने पर ध्यान दिया. आपको क्रीज पर समय बिताना होता है और जल्दबाजी से बचना होता है. यह पांच दिनों का मैच है और आपको विरोधी टीम को थकाना होता है. यही मेरी रणनीति थी और इस बीच मैं इसी पर काम कर रहा था. एक बार जब आपके पांव जम जाते हैं और लय बन जाती है तो फिर आपको बल्लेबाजी में मजा आने लगता है.'

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