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'जय-जय बिहार, भाजपा सरकार', बिहार चुनाव में BJP का नारा!

'जय-जय बिहार, भाजपा सरकार', केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इसी नारे के दम पर इस साल मे आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगी. सूत्रों ने बीजेपी के इस नारे का खुलासा किया है, हालांकि अभी तक पार्टी ने औपचारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल) बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2015,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

'जय-जय बिहार, भाजपा सरकार', केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इसी नारे के दम पर इस साल मे आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगी. सूत्रों ने बीजेपी के इस नारे का खुलासा किया है, हालांकि अभी तक पार्टी ने औपचारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया है.

मंगलवार काे हुई थी बीजेपी की बैठक
बिहार में विधानसभा चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने की संभावना है. ऐसे में सियासी समीकरण बनाने की कवायद तेज है. दिल्ली में मंगलवार को बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी अहम बैठक हुई थी, जिसमें बिहार के तमाम आला नेता मौजूद थे. सूत्रों की मानें तो इस नारे पर मंगलवार की बैठक में मुहर लगाई गई थी. इस बैठक में बिहार बीजेपी अध्यक्ष मंगल पांडे, बीजेपी महासचिव रामलाल और सभी प्रवक्ता मौजूद थे.

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बीजेपी का 185 सीटों का लक्ष्य
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसते हुए बीजेपी ने 185 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार में 40 में से 31 सीटें जीती थीं. बीजेपी सरकार ने साल के शुरू में ही बिहार में जीत पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करने का संकेत दिया था.

अमित शाह को सरकार बनने का भरोसा
पिछले महीने दिल्ली में आयोजित हुए आज तक के खास कार्यक्रम 'मंथन' में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया था कि उनकी पार्टी बिहार में अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब रहेगी.

कांग्रेस, RJD और JDU साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव: शरद यादव
बिहार के चुनावी मैदान में कौन सियासी पार्टी किसके साथ मिलकर उतरेगी, इसकी तस्वीर काफी हद तक साफ होती जा रही है. जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी RJD और कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. शरद यादव का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब पहले के तमाम दावों के बावजूद जनता परिवार का विलय हकीकत का रूप नहीं ले सका है. जनता परिवार की पार्टियों का विलय अब तक बयानबाजियों में ही उलझकर रह गया है.

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