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BMW से टक्कर मामले में MLA के बेटे को सरकारी लैब ने दी क्लीन चिट, पुलिस ने उठाए सवाल

सरकारी लैब ने विधायक के बेटे की शराब की जांच एक प्राइवेट लैब से करवाई है. एफएसएल के अधिकारी इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं.

MLA का बेटा सिद्धार्थ महारिया MLA का बेटा सिद्धार्थ महारिया
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 23 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

जयपुर में विधायक सुभाष महारिया के बेटे सिद्धार्थ महारिया को तीन लोगों को बीएमडब्लू से रौंदने के मामले में सरकारी लैब से क्लीन चिट मिल गई है. एफएसएल रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के वक्त सिद्धार्थ ने शराब नहीं पी थी, जबकि पुलिस की जाच में सामने आया है कि विधायक पुत्र उस वक्त शराब के नशे में धुत था.

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इस पूरे मामले में हैरत की बात यह भी है कि सरकारी लैब ने विधायक के बेटे की शराब की जांच एक प्राइवेट लैब से करवाई है. एफएसएल के अधिकारी इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं. पुलिस का कहना है कि घटना के बाद मौके पर सिद्धार्थ महारिया का ब्रेथ एंड एनलाइजर टेस्ट किया था, वहीं खून में 152MG अल्कोहल की मात्रा मिली थी. अल्कोहल की मात्रा 30MG से ऊपर होते ही पुलिस चालान करती है.

वीडियो फुटेज में होटल में शराब पी रहा सिद्धार्थ
पुलिस ने कोर्ट में जो फुटेज पेश किए, उसमें करोड़पति विधायक के बेटे को घटना से पहले दो होटलों में शराब पीता दिखाया गया है. कोर्ट में होटलों के बार के बिल भी पेश किए हैं. ऐसे में एफएसएल रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही बड़ा सवाल यह भी कि सैंपल की जांच निजी प्रयोगशाला से क्यों करवाई गई. एफएसएल ने यह भी लिखा है कि खून की मात्रा इतनी कम थी कि उसमें ड्रग्स की जांच नहीं की जा सकती.

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सरकारी लैब पर पहले भी उठे हैं सवाल
दिलचस्प बात यह है कि जयपुर के सरकारी लैब पर पहले भी मिलीभगत के आरोप लगे हैं. इसकी पुष्टि दिल्ली और अहमदाबाद की लैबों में हो चुकी है. इस मामले में सवाई मान सिंह अस्पताल के खून का सैंपल लेने वाले डॉक्टर पर भी सवाल उठे हैं. पुलिस का कहना है कि उसे अभी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है. डीसीपी मनीष अग्रवाल ने कहा, 'पुलिस के पास बहुत सारे सुबूत हैं, जो कोर्ट में साबित कर सकते हैं कि विधायक के बेटे ने शराब पी रखी थी.'

ऑटो में मारी थी टक्कर
गौरतलब है कि विधायक के बेटे ने एक जुलाई की रात करीब एक बजे एक ऑटो को अपने बीएमडब्लू से टक्कर मारी थी. इस हादसे में ऑटो सवार सभी तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इस मामले में सीकर के निर्दलीय विधायक ने पहले तो एक फर्जी ड्राईवर पेश कर कहा कि गाड़ी उनका बेटा नहीं, बल्कि ड्राईवर चला रहा था. हालांकि, बाद में पुलिस की पूछताछ में डाईवर डरकर भाग गया.

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