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राज्यसभा के लिए खेमा मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, गहलोत-पायलट ने कसी कमर

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रणनीतिकारों की ओर से निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सक्रिय हो गए हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फाइल फोटो (PTI) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फाइल फोटो (PTI)
शरत कुमार/देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 10 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:31 AM IST

  • तीन सीटों के लिए 19 जून को चुनाव
  • विधायकों की टूट पर गहलोत सतर्क

राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को मतदान है. इससे पहले शह-मात का खेल शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रणनीतिकारों की ओर से निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सक्रिय हो गए हैं. निर्दलीय और कांग्रेसी विधायकों को साधे रखने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार शाम अपने निवास पर बैठक बुलाई. इसे विपक्ष को एक संदेश देने की कवायद माना जा रहा है.

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इस बैठक में शामिल होने के लिए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे. रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में कांग्रेस और गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक राज्यसभा चुनाव यानी 19 जून तक शिव विलास होटल में ही रुकेंगे. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को राजेश पायलट की जयंती पर विधायकों को दौसा बुलाया था.

बता दें कि राजस्थान की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है. मौजूदा विधायकों के आंकड़े के लिहाज से कांग्रेस की दो और एक सीट बीजेपी को मिलनी तय है, लेकिन बीजेपी ने दो प्रत्याशी मैदान में उतारकर कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है. कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं इसीलिए वो खुद सतर्क हो गए हैं और विधायकों को साधे रखने के लिए मोर्चा संभाल लिया है.

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सीएम गहलोत ने 10 दिन पहले विधायकों की बैठक बुलाकर राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया. माना जा रहा है कि गहलोत इसके जरिए किसी भी तरह की टूट और गलती की गुंजाइश खत्म करने के साथ-साथ विपक्ष को अपनी ताकत का एहसास भी कराना चाहते हैं. कांग्रेस नेता नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया है कि पिछले तीन दिन में आधा दर्जन निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जाकर मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने सीएम को बताया कि बीजेपी नेता उनसे संपर्क कर राज्यसभा चुनाव के लिए समर्थन मांग रहे हैं.

कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी की ओर से राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत हैं. 200 सदस्यों की राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं. इनमें बसपा के वे 6 विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल दलबदल कर लिया था. कांग्रेस को 12-13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है.

आरोप-प्रत्यारोप जारी

विधायकों के टूटने की आशंका में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में पार्टी के चीफ व्हिप महेश जोशी ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि यह मेरी जानकारी में आया है कि कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश की की तर्ज पर राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए घृणित प्रयास किया जा रहा है जो जनता के कल्याण के लिए समर्पित है.

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जबकि बीजेपी ने उलटा आरोप सत्तारूढ़ पार्टी पर ही मढ़ा है और कहा है कि गहलोत सरकार खुद में असुरक्षित है और कांग्रेस पार्टी को खुद अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब विधायकों को घेर कर रख रही है. इसका संकेत मुख्यमंत्री के बयान में मिला जिसमें उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर काफी चिंतित हैं. आज इस आशंका का सबूत मिल गया. पूनिया ने कहा, सरकार अगर सुरक्षित है, कोई अंदरूनी कलह नहीं है या कोई खतरा नहीं है तो वे इतने दिनों तक विधायकों को क्यों रख रहे हैं.

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