
पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की आज सोमवार से शुरू हो रही प्लेनरी बैठक में पाकिस्तान की नजर एक ओर बैठक की गतिविधियों पर रहेगी कि उसको लेकर क्या फैसला लिया जा रहा है, लेकिन इस बीच पड़ोसी मुल्क के आर्थिक मामलों के मंत्री हमद अजहर ने खुलासा किया कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर लापता हो गया है.
एफएटीएफ की अहम प्लेनरी बैठक से पहले पाकिस्तानी मंत्री की ओर से किए गए दावे से पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों के अनुसार, हमद अजहर का कहना है कि मसूद अजहर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं कराया जा सकी क्योंकि वह अचानक लापता हो गया है. एफएटीएफ की पेरिस में 16 से 21 फरवरी तक बैठक होगी.
हाफिज सईद को जेल की सजा
इस बीच पिछले हफ्ते एफएटीएफ से प्रतिबंध के मंडराते खतरे के बीच पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को सजा सुनाई थी.
टेरर फंडिंग के मामलों में सईद को साढ़े पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद अमेरिका ने सजा का स्वागत किया था. अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आतंकी समूह का संचालन रोकने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया.
पिछले साल कुख्यात आतंकी मसूद अजहर को पुलवामा हमले की जांच का आश्वासन देने के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया था. हालांकि, पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि मसूद अजहर के खिलाफ उसे हिरासत में रखने के लिए कोई कार्रवाई योग्य सबूत नहीं मिला.
पिछले साल, भारत ने पठानकोट में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित बालाकोट के जब्बा इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के शिविर को निशाना बनाते हुए आतंकी शिविर को तबाह कर दिया था. हालांकि पाकिस्तान ने नई दिल्ली के आतंकी कैंप होने के दावे को खारिज कर दिया था.
एफएटीएफ के आकलन पर भी पड़ेगा असर
हालांकि पिछले साल के अंत में ऐसी खबरें भी आई कि मसूद अजहर गंभीर रूप से बीमार है और दैनिक आधार पर डायलिसिस से गुजर रहा है.
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लेकिन पाकिस्तान के मंत्री के इस ताजे बयान ने इस्लामाबाद की अब तक की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं क्योंकि विश्लेषक मानते हैं कि इसका असर एफएटीएफ के आकलन पर भी पड़ सकता है.
इस बीच ऐसी खबर है कि अमेरिका पेरिस में होने वाली आगामी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान के मुद्दे पर नरमी दिखा सकता है. इससे पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि अगर उसे 'ग्रे लिस्ट' से बाहर नहीं भी किया गया तो उसके 'ब्लैक लिस्ट' में रखे जाने से बचने की संभावना है.
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भारत की ब्लैकलिस्ट कराने की कोशिश
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने, बाहर निकालने या फिर उसको ब्लैकलिस्ट करने को लेकर फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफएटीएफ की एक अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में पाकिस्तान ने बीते 3 माह के दौरान आतंकवाद के लिए हो रही फंडिंग रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं, इस पर गौर करते हुए फैसला लिया जाएगा.
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एफएटीएफ की इस अहम बैठक में जहां भारत का जोर पाकिस्तान की सच्चाई को उजागर करते हुए उसे ब्लैकलिस्ट कराने पर होगा तो वहीं पाकिस्तान की कोशिश ग्रे लिस्ट से निकलने के साथ ही खुद को ब्लैकलिस्ट से बचाने के लिए भी होगा. बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराने की समीक्षा होने की संभावना जताई जा रही है.