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तमिलनाडु में जलीकट्टू के समर्थन में भीड़ उग्र, विधानसभा में बिल पर लगी मुहर

कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच जलीकट्टू बिल सोमवार यानी 23 जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा में रखा गया, जिसपर सदन में पहले चर्चा हुई और फिर बिल को पास कर दिया गया. मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने बिल को विधान सभा में पेश किया.

जलीकट्टू पर तमिलनाडु में जंग तेज जलीकट्टू पर तमिलनाडु में जंग तेज
प्रमोद माधव/रोहिणी स्‍वामी
  • चेन्नई,
  • 23 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच जलीकट्टू बिल सोमवार यानी 23 जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा में रखा गया, जिसपर सदन में पहले चर्चा हुई और फिर बिल को पास कर दिया गया. मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने बिल को विधान सभा में पेश किया.

तमिलनाडु में जलीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए अध्यादेश लाने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन जारी था. चेन्नई के मरीना बीच पर पिछले 6-7 दिनों से जुटे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सोमवार सुबह वहां से जबरन हटा दिया. पुलिस ने पहले उन्हें प्रदर्शन खत्म करने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं मानें, तो पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा. लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं.

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पुलिसकर्मी यहां जब इन प्रदर्शनकारियों को हटा रहे थे, तब वे लोग राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' गाने लगे. लाठीचार्ज के बाद पूरा इलाका खाली करा लिया गया है. चेन्नई के अलावा मदुरै, कोयंबटूर और त्रिची से भी प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया गया.

देखें: जलीकट्टू पर प्रदर्शन की हिंसक तस्वीरें

उग्र होता जा रहा था आंदोलन
जलीकट्टू के समर्थन में आंदोलन धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा था. पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने के बाद मदुरै के अलंगनल्लूर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जबरदस्त संघर्ष भी हुआ. चेन्नई में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने के बाहर गाड़ियों में आग लगा दी. इस संघर्ष में 20 पुलिसवाले घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी भी की. पुलिस के बल प्रयोग से 80 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. हिंसा को देखते हुए चेन्नई में स्कूल बंद कर दिए गए. केंद्र तमिलनाडु के हालातों पर नजर बनाए हुए है, अगर जरूरत होती है तो वहां सेंट्रल फोर्स भी भेजी जा सकती है.

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जल्लीकट्टू पर अध्यादेश की जगह विधेयक
तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने पहले ही बताया था कि जन आंदोलन और भावनाओं के ज्वार के चलते जलीकट्टू पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया और तमिलनाडु सरकार विधानसभा में तत्काल प्रभाव से एक विधेयक लाएगी जो अध्यादेश की जगह लेगा.

DMK का सदन से वॉकआउट
प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के खिलाफ विधानसभा से डीएमके ने वॉकआउट किया. लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन कर रहे लोगों को बलपूर्वक हटाने के लिए डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने सरकार की निंदा की. राज्य के राज्यपाल विद्यासागर राव ने संबोधन में जलीकट्टू पर प्रतिबंध के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

पुलिस ने मरीना बीच को जाने वाले तमाम रास्ते बंद कर दिए, वहीं लोगों को इलाके के पास-पास इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है. पुलिस के रूख को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है, उनका कहना है कि वे इसी देश के हिस्सा हैं, उनके साथ पुलिस गलत व्यवहार कर रही है. पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने चेताते हुए कहा कि अगर उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की गई तो वे मरीना बीच पर ही अपनी जान दे देंगे.

दरअसल जलीकट्टू को लेकर राज्य में जारी व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने एक अध्यादेश पारित कर सांडों को काबू करने से जुड़े इस पारंपरिक तमिल खेल की इजाजत दे दी थी, लेकिन ये प्रदर्शनकारी इस पर स्थायी समाधान की मांग को लेकर अब भी डटे थे. उनका कहना था कि ये अध्यादेश तो छह महीने बाद निरस्त हो जाएगा, इसलिए सरकार इस पर एक स्थाई कानून बनाए.

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वहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि अध्यादेश छह महीने बाद निरस्त होने की बात गलत है, हकीकत यही है कि इस अध्यादेश के बाद अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा. आपका लक्ष्य अब पूरा हो चुका है, इसलिए अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर मरीना बीच खाली करें.

जल्लीकट्टू का आयोजन, तीन की मौत
रविवार को तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में जलीकट्टू का आयोजन किया गया. इस दौरान पुडुकोट्टई में दो लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक व्यक्ति की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए. मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम मदुरै के आलंगनल्लूर में जल्लीकट्टू के खेल कार्यक्रम का उद्घाटन किए बगैर ही लौट गए क्योंकि प्रदर्शनकारी इस मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग कर रहे थे.

आपको बता दें कि इस पारंपरिक खेल पर पिछले तीन साल से बैन लगा हुआ था. हालांकि लोगों की भावना को देखते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शनिवार को जलीकट्टू पर अध्यादेश को मंजूरी देते हुए अंतत: बैन हटा लिया गया.

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