जामिया के CCTV फुटेज की JCC ने ली जिम्मेदारी, कहा-100 फीसदी असली

वीडियो फुटेज से खुद को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अलग करने पर जेसीसी के सदस्य सफूरा जार्गर ने कहा कि जामिया क्या अलग करेगा, हमने खुद ही डरपोक प्रशासन से दूरी बना ली है.

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जामिया लाइब्रेरी में पुलिस लाठीचार्ज (वीडियो से कैप्चर तस्वीर) जामिया लाइब्रेरी में पुलिस लाठीचार्ज (वीडियो से कैप्चर तस्वीर)

तनुश्री पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST

  • JCC ने कहा- वो अपने वीडियो की पूरी जिम्मेदारी ले रहा
  • JCC के सदस्य ने जामिया प्रशासन को बताया डरपोक

वीडियो वार के बीच जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) ने कहा है कि वह अपने वीडियो की पूरी जिम्मेदारी ले रहा है. जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य और एम. फिल छात्र सफूरा जार्गर ने 'आजतक' से कहा कि जेसीसी सीसीटीवी फुटेज की पूरी जिम्मेदारी लेता है. यह 100 फीसदी असली है.

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वहीं, वीडियो फुटेज से खुद को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अलग करने पर सफूरा जार्गर ने कहा कि जामिया क्या अलग करेगा, हमने खुद ही डरपोक प्रशासन से दूरी बना ली है. जब वीडियो के स्रोत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका खुलासा करने से इंकार कर दिया.

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जामिया के प्रॉक्टर बोले- JCC कोई संबंध नहीं

वहीं, जामिया के प्रॉक्टर ने इंडिया टुडे को बताया, जामिया मिल्लिया इस्लामिया का जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी से कोई लेनादेना नहीं है. उन्होंने कहा कि यह JCC, ज्वॉइंट को-ऑर्डिनेशन कमिटी है ना कि जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी. वहीं, जब इंडिया टुडे ने तथ्य की जांच की तो JCC ही जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी है. इसके अलावा प्रॉक्टर ने कहा, जहां तक हमें पता कि JCC में कई अलग-अलग कॉलेजों के व पूर्व छात्र सदस्य हैं और कुछ कम्युनिटी के लोग भी इसमें हैं.

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लाइब्रेरी में छात्रों पर डंडे बरसाए गए

बता दें कि पिछले साल 15 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी में हुई बर्बरता से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद दो नए वीडियो सामने आए हैं. पहले वीडियो में जहां सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आए तो, वहीं दूसरे और तीसरे वीडियो में कुछ छात्र लाइब्रेरी में घुसते हुए दिखाई दे रहे हैं. इनके हाथ में पत्थर भी हैं.

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बता दें कि जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने रविवार को एक वीडियो जारी किया था. जिसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आए हैं. कमेटी का दावा है कि 15 दिसंबर को जब CAA के खिलाफ आंदोलन हुआ तो उस दौरान पुलिस ने जामिया के अंदर पढ़ रहे छात्रों पर लाठियां बरसाईं. इसे लेकर काफी बवाल मचा.

छात्रों को या उन पत्थरबाजों को पीटा

वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर चौतरफा तीखे हमले होने लगे. दिल्ली पुलिस ने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है. वहीं, इसके बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से जो वीडियो मिला उसमें दूसरी ही कहानी सामने आई और सवाल उठ गए कि पुलिस ने जामिया के छात्रों को पीटा या फिर उन पत्थरबाजों को पीटा जो तोड़फोड़ करके लाइब्रेरी के अंदर छुप गए थे.

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