
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली में निकलने वाले मार्च से पहले बड़ा बवाल हुआ. एक नाबालिग लड़के ने खुलेआम जामिया की सड़कों पर फायरिंग की, जिसमें एक छात्र घायल हो गया. घायल होने वाला छात्र शादाब फारुक, जामिया यूनिवर्सिटी का ही पढ़ने वाला है. एम्स में शादाब का इलाज चल रहा है और उसके इलाज का पूरा खर्च यूनिवर्सिटी की ओर से उठाया जाएगा.
गुरुवार को फायरिंग की घटना के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चासंलर नजमा अख्तर ने मीडिया से बात की. नजमा अख्तर ने कहा, ‘जामिया के बाहर जो भी घटना हुई वह निंदनीय है, लेकिन पुलिस जिस तरह पूरी घटना के दौरान मूकदर्शक बनी रही वो शर्मनाक है. इससे दिल्ली पुलिस में हम सभी का विश्वास कम हुआ है.
जामिया की वीसी ने कहा, ‘छात्रों ने जिस तरह शांति का प्रदर्शन किया, घायल छात्र की मदद की वह काबिल-ए-तारीफ है. छात्रों के द्वारा शांति का संदेश देना महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि होगी’. बता दें कि नजमा अख्तर ने गुरुवार को ही अस्पताल पहुंच घायल छात्र से मुलाकात की. उनके अलावा भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद भी घायल से मिलने पहुंचे थे.
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हमलावर पर पुलिस ने दर्ज किया केस
गौरतलब है कि गुरुवार दोपहर को जामिया मिलिया के बाहर एक नाबालिग हमलावर ने खुलेआम फायरिंग की. इसमें शादाब फारूक के हाथ में गोली लग गई. हमलावर प्रदर्शनकारियों की भीड़ से निकला और नारेबाजी करते हुए हवा में पिस्तौल लहराने लगा. हमलावर की ओर से ‘किसे चाहिए आजादी, ये लो आजादी’ जैसे नारे लगाए गए थे.
दिल्ली पुलिस ने एक्शन लेते हुए हमलावर के खिलाफ आर्म्स एक्ट, हत्या करने की कोशिश का मामला दर्ज किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मसले पर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से बात की और एक कमेटी बनाई गई है जो पूरे केस की जांच करेगी.
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