
'देश के गद्दारों को,...' बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ दिनों पहले ही दिल्ली की एक चुनावी रैली में ये भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगवाए थे. लेकिन तब किसी को इस बात का इल्म भी नहीं होगा कि दिल्ली में जहां आचार संहिता लगी है, वहां हकीकत में गोलियां चल जाएंगी.
गुरुवार को जब जामिया के पास प्रदर्शन के दौरान एक शख्स ने पुलिस की मौजूदगी में गोलियां चलाईं तो सोशल मीडिया पर लोगों को तुरंत बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर के इसी नारे की याद आ गई. पिछले कुछ दिनों से तमाम नेता ऐसे बयान दे रहे थे जिससे नफरत का माहौल तैयार हो रहा था. इसलिए चुनाव आयोग ने ऐसे नेताओं के खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया.
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने दिल्ली में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि गद्दारों को भगाने के लिए नारे भी चाहिए. वहीं, इसी मंच पर मौजूद बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा था कि कमल का बटन दबाने पर ही ये गद्दार मरेंगे.
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इन बयानों के दो दिन बाद जामिया में एक नाबालिग युवक ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की मौजूदगी में गोलियां चला दीं. गोली चलाने वाला शख्स जोर-जोर से नारे लगा रहा था. बताया जा रहा है कि वह प्रदर्शनकारियों की तरफ मुंह करके कह रहा था कि उन्हें आजादी चाहिए तो वो उन्हें आजादी देगा. यही बोलते-बोलते वह नाबालिग युवक पुलिस की तरफ बढ़ता जा रहा था और प्रदर्शनकारियों की तरफ पिस्तौल दिखाकर नारे लगा रहा था. सोशल मीडिया पर खुद को 'रामभक्त' बताने वाले इस युवक ने तमाम पोस्ट में सांप्रदायिकता का जहर उगला है.
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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना के बाद गुरुवार को ट्वीट किया और लिखा, अनुराग ठाकुर जैसे लोगों का शुक्रिया, जिन्होंने देश में इतनी हिंसा पैदा कर दी है कि एक आतंकी खुलेआम छात्र पर गोली चला रहा है और पुलिस खड़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब इसे कपड़ों से पहचानिए. सोशल मीडिया पर लोग #ArrestAnuragThakur के साथ अनुराग ठाकुर की गिरफ्तारी की मांग भी कर रहे हैं.
जेएनयूएसयू ने ट्वीट किया, "आज हुआ जामिया टेरर अटैक लगातार हो रहे हेट कैंपेन्स के जरिए कट्टरपंथी फैलाने का नतीजा है. व्हाट्स ऐप मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे हैं, बीजेपी नेता गोली मारो... के नारे लगवा रहे हैं.
सीपीआई (एम) ने भी इस घटना के लिए नेताओं के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया. सीपीआई (एम) ने ट्वीट किया, "अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा के खिलाफ हिंसा उकसाने के आरोप में अभी तक दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. उसका नतीजा अब हमारे सामने है."
आज वही दिन है जब अहिंसावादी गांधी पर नाथूराम गोडसे की गोलियां चली थीं. ऐसे में लोग ये भी सवाल कर रहे हैं कि क्या गांधी के देश में एक बार फिर हिंसा पनपेगी या नफरत का सिलसिला यहीं थम जाएगा.