
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार और सीनियर आईपीएस अधिकारी ए.पी. सिद्दीकी अपनी पुलिस सेवा के दौरान एक ईमानदार और कर्मठ अफसर के तौर पर पहचान रखते रहे हैं. उन्हें अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए बुधवार 12 फरवरी को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है.
एपी सिद्दीकी को हिमाचल प्रदेश के राजभवन शिमला में एक विशेष समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने ये पदक सौंपा.
ये है वजह
बता दें कि जब एपी सिद्दीकी हिमाचल प्रदेश पुलिस की सीआईडी इकाई का नेतृत्व कर रहे थे. उस दौरान उन्होंने आईएसआई नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसी जांबाजी के लिए उन्हें इस सम्मान सम्मानित किया गया है.
कौन हैं एपी सिद्दीकी
एपी सिद्दीकी 1991 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वो नवंबर, 2016 में डेप्युटेशन पर जामिया में रजिस्ट्रार के पद पर आए. इससे पहले वो साल 2008 में भी सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किए जा चुके हैं. राष्ट्रपति पुलिस पदक भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्यों को, पुलिस या केंद्रीय पुलिस या सुरक्षा संगठनों में प्रतिष्ठित सेवा के लिए प्रदान किए जाने वाला सम्मान है.
बता दें कि जामिया में रजिस्ट्रार पद की जिम्मेदारी संभालने से पहले एपी सिद्दीक़ी हिमाचल प्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) थे. हिमाचल प्रदेश में वो तीन जिलों में जिला पुलिस प्रमुख के रूप में कार्य कर चुके हैं. इसके अलावा वो पुलिस अधीक्षक (भ्रष्टाचार निरोधक) भी रहे हैं. साल 2001 में IPS सिद्दीकी कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र के मिशन का हिस्सा थे. उन्होंने साल 2004-09 से डेप्युटेशन पर दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में भी काम किया है.