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जामिया में विरोध के दौरान मीडिया को बनाया निशाना, आजतक के पत्रकार से हाथापाई

नागरिकता संशोधन एक्ट पर देश की राजधानी दिल्ली में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. एक्ट पर जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की ओर से भारी विरोध प्रदर्शन किया गया. छात्रों ने आजतक के पत्रकार पुनीत शर्मा के साथ हाथापाई की और उन्हें रिपोर्टिंग करने से भी रोका गया.

जामिया में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जामिया में छात्रों का विरोध प्रदर्शन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

नागरिकता संशोधन एक्ट पर देश की राजधानी दिल्ली में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. एक्ट पर जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की ओर से भारी विरोध प्रदर्शन किया गया.

इस दौरान जामिया के छात्रों ने पत्थरबाजी की. वहीं विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया को भी निशाना बनाया गया. छात्रों ने आजतक के पत्रकार पुनीत शर्मा के साथ हाथापाई की और उन्हें रिपोर्टिंग करने से भी रोका गया.

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दरअसल, शुक्रवार को सीएबी के खिलाफ विरोध की आग दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में पहुंच गई. सीएबी के खिलाफ यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र आज सड़कों पर उतरे. छात्रों का कार्यक्रम संसद कूच करने का था लेकिन पुलिस ने उन्हें कैंपस के पास ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस और छात्रों में जबर्दस्त छड़प हुई.

आजतक की टीम जामिया के छात्रों के प्रदर्शन को कवर करने के लिए मौके पर मौजूद थे. इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने संवदाददाता पुनीत शर्मा से धक्कामुक्की और बदसलूकी की. बड़ी मुश्किल से पुलिस वाले उन्हें बचाकर ले गए.

दिल्ली के जामिया में आक्रोश की लपटों उठीं तो वहीं, पिछले दो दिनों से आंदोलन का केंद्र बना गुवाहाटी आज शांत नजर आया. प्रशासन ने दोपहर के एक बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी जिसके चलते लोग जरूरत की चीजें खरीदने के लिए सड़कों पर दिखाई पड़े. सड़कों पर चहल-पहल भी काफी दिखाई पड़ी. सेना ने कई इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया.

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हालांकि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन फिलहाल कम नहीं हुआ है. असम में फिलहाल मोबाइल इंटरनेट पर बैन है. गुवाहाटी के कई इलाकों में ब्राडबैंड सेवाओं पर भी असर पड़ा है. इस बीच पीस पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इससे पहले आईयूएमएल ने भी अर्जी दाखिल की थी. हालांकि, बांग्लादेश की जानीमानी लेखिका तस्लीमा नसरीन बिल के समर्थन में खड़ी हो गई हैं.

गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति नागरिकता संशोधन बिल पर दस्तखत कर चुके हैं. अब वो कानून का रूप ले चुका है.

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