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हिंसा पर जामिया ने HRD को सौंपी रिपोर्ट, कहा- पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच हो

जामिया मिलिया इस्लामिया ने HRD को सौंपी रिपोर्ट (फोटो-PTI) जामिया मिलिया इस्लामिया ने HRD को सौंपी रिपोर्ट (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

  • जामिया ने न्यायिक जांच करने का अपना अनुरोध दोहराया
  • पुलिस बिना इजाजत के जामिया में घुसी और छात्रों को पीटा
  • जामिया रिपोर्ट का दावा- एक छात्र के आंख की रोशन चली गई

छात्रों को बेरहमी से पीटे जाने के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक ताजा रिपोर्ट सौंपी है. जामिया ने यूनिवर्सिटी कैम्पस में बिना इजाजत पुलिस के दाखिल होने की न्यायिक जांच का अनुरोध किया है. इस सिलसिले में जामिया ने 15-16 दिसंबर को भी एक रिपोर्ट सौंपी थी.

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जामिया ने 20 दिसंबर को मंत्रालय को सौंपी गई ताजा रिपोर्ट में एक जांच समिति गठित करने या घटना की न्यायिक जांच शुरू करने के लिए अपना अनुरोध दोहराया है.

प्रदर्शनकारियों से कोई नाता नहीं

विस्तार से तैयार अपनी रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी ने बताया है कि पुलिस ने मथुरा और जुलेना रोड पर एकत्रित प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. जामिया रजिस्ट्रार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस दौरान प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी कैम्पस से होकर गुजरने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहार मार्ग से भाग रहे थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पुलिस ने 15 दिसंबर को कथित तौर पर 'बाहरी लोगों' की तलाश में लाइब्रेरी पर धावा बोल दिया था, जो परिसर के बाहर नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान आगजनी और हिंसा में शामिल थे.

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छात्रों को बेरहमी से पीटा

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान दिल्ली पुलिस जबरन गेट नंबर 4 और 7 से कैम्पस में घुस आई थी. इस दौरान पुलिस ने लॉक तोड़ दिए और गेट पर तैनात गार्ड्स को पीटा, लाइब्रेरी के शीशे तोड़ दिए और आंसू गैस के गोले दागे. लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों को बेरहमी से पीटा गया.

छात्र के आंख चली गई रोशनी

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को कैम्पस में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी थी. जामिया ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि, 'छात्रों का भीड़ के साथ कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन बेकसूर छात्रों को निशाना बनाया गया और उन्हें बेरहमी से पीटा गया. इसकी वजह से कई छात्रों के पैर में फ्रैक्चर आए हैं और एक छात्र के आंख की रोशनी तक चली गई है. लाठी की चोट की वजह से एक छात्र की बाई आंख की रोशन चली गई है.'  

रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'आंख की रोशनी खोने वाले छात्र का अब कानून-व्यवस्था में भरोसा ही खत्म हो गया है, क्योंकि यूनिवर्सिटी के निर्दोष छात्रों को निशाना बनाया गया.' न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और कालकाजी पुलिस स्टेशनों में घायल छात्रों को हिरासत में लेने का हवाला देते हुए, जामिया ने आग्रह किया है कि समिति को परिसर के अंदर पुलिस की अनधिकृत तरीके से दाखिल होने की जांच करनी चाहिए.

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यूनिवर्सिटी ने लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्रों को बुरी तरह से पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने और लाइब्रेरी में तोड़फोड़ करके मामले की जांच की भी सिफारिश की है.

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