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मोदी के 'डिजिटल मंत्र' से सुधरेगी जामिया की सेहत

आसिफ की इस कंपनी ने जामिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एम ए अंसारी के साथ एक समझौता किया है ताकि इस केंद्र का पूरी तरह डिजिटाइजेशन किया जा सके.

जामिया ने किया समझौता जामिया ने किया समझौता
दिनेश अग्रहरि/रोशनी ठोकने
  • नई दिल्‍ली,
  • 02 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का मंत्र अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर को भी डिजिटल बनाएगा. इसकी शुरुआत जामिया में फैकल्टी ऑफ़ लॉ में बीए एलएलबी कर रहे छात्र आसिफ शाह ने की है.

आसिफ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम से प्रभावित होकर स्टेथो हेल्थ सिस्टम के नाम से एक कंपनी लांच की है. आसिफ की इस कंपनी ने जामिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एम ए अंसारी के साथ एक समझौता किया है ताकि इस केंद्र का पूरी तरह डिजिटाइजेशन किया जा सके.

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जामिया के कुलपति प्रोफेसर तलत अहमद ने इंजीनियरिंग फैकल्टी सभागार में इस प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत की. प्रोफेसर अहमद ने कहा, 'इसकी शुरुआत करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी महसूस हो रही है की हमारे छात्र इस तरह की सोच रखते हैं. यूनिवर्सिटी के छात्रों, अध्यापकों और कर्मचारियों के लिए यह सिस्टम बहुत लाभकारी साबित होगा.'

स्टेथो हेल्थ सिस्टम कंपनी, एक क्लाउड बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्डिंग सिस्टम होगा जो कि जामिया के स्वास्थ्य केंद्र के सारे रिकार्ड्स को डिजिटल फॉर्म में तब्दील करेगी. मरीजों का सारा डाटा, दवा के पर्चे, क्लिनिकल और मेडिकल डाटा, अपॉइंटमेंट लॉग, क्लिनिकल जानकारी, मेडिकेशन हिस्ट्री और स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य एनालिटिक्स डाटा को डिजिटल शक्ल दी जाएगी, जो क्लाउड में सुरक्षित रहेंगे.

ये सिस्टम दो हिस्सों में होगा जिसमे एक वेब बेस्ड पोर्टल होगा जो डॉक्टर के लिए होगा और दूसरा मरीजों के लिए एक मोबाइल ऐप होगा. मरीज़ अपने स्वास्थ्य से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी मोबाइल ऐप से निकाल कर डॉक्टर से साझा कर सकता है और डॉक्टर सभी दवाइयां, सभी क्लिनिकल डाटा, सारी रिपोर्ट्स वेब बेस्ड पोर्टल से जोड़ सकता है. मतलब यह कि मरीज़ दोबारा उसी डॉक्टर के पास जाए या किसी और भी डॉक्टर के पास, उसके पास ऐप में सारी मेडिकल हिस्ट्री मौजूद होगी.

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डॉक्टर के लिए मरीज़ की समस्या समझने में ये मेडिकेशन हिस्ट्री काफी लाभदायक साबित होती है. हिस्ट्री के मुताबिक डॉक्टर और ज्यादा सटीक इलाज बता सकेगा. इस पहल के बाद जामिया ऐसी पहली यूनिवर्सिटी बन गई जहां, हेल्थ केयर सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल किया जा रहा है. जामिया के 19 हज़ार छात्रों और 10 हज़ार मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को इस सिस्टम से फायदा होगा.

आसिफ अपनी कंपनी और जामिया के साथ हुए  समझौते से बेहद खुश हैं. आसिफ ने कहा कि मैं हमेशा से आंत्रप्रेन्‍योरशि‍प में यकीन रखता हुं. डिजिटल इंडिया  मुहिम से भी मैं प्रभावित हूं और इस वजह से मैंने यह कंपनी शुरू की. मैं जामिया का छात्र भी हूं, इस वजह से मेरा पहला कर्तव्य है कि यह सिस्टम जामिया को दिया जाए.  

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