
कश्मीर में पत्थरबाजों के हमले में एक पर्यटक के मारे जाने के बाद से तीखी आलोचनाओं का सामना कर रहीं सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में बिगड़े हालात को सुधारने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के फॉर्मूले को अपनाना चाहिए, ताकि ईद और अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्वक आयोजित किया जा सके.
बुधवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री मुफ्ती ने सूबे की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सत्तारूढ़ पीडीपी और बीजेपी के अलावा कांग्रेस समेत कई दलों ने हिस्सा लिया. हालांकि पिछली सर्वदलीय बैठक का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था. सीएम महबूबा मुफ्ती ने पिछली बार जून 2017 को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी.
घाटी में तमिलनाडु के रहने वाले 22 वर्षीय थिरूमणि की मौत के बाद यह बैठक बुलाई गई. पर्यटक थिरूमणि के वाहन को पत्थरबाजों ने निशाना बनाया था.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने बताया कि हम लोगों ने मुख्यमंत्री मुफ्ती की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का निर्णय किया. यह सर्वदलीय बैठक बुधवार दोपहर दो बजे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में बुलाई गई.
इस सर्वदलीय बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''हम सभी इस बात पर सहमत हुए हैं कि हम केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि वह सीमा पर सीजफायर के लिए अपनी तरफ से पहल करे. वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसा कर चुके हैं. मुठभेड़ और झड़प से घाटी में आम जनता को दिक्कतें हो रही हैं. हमें ऐसा माहौल बनाना होगा कि ईद और अमरनाथ यात्रा दोनों शांतिपूर्वक संपन्न हो सकें.''
इस बैठक में मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि सीजफायर से लोगों को राहत और राज्य में बेहतर माहौल बनाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने सभी पक्षों से हिंसा और खून-खराबे के चक्रव्यूह से राज्य को निजात दिलाने के मिशन से जुड़ने की भी अपील की.