
जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर उधमपुर आतंकी हमले में बीते बुधवार को गांव वालों की दिलेरी चर्चा का केंद्र रही. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आतंकी मोहम्मद नवेद याकूब को पकड़ने के लिए गांव वालों के हौंसले को सलाम किया. आतंकी को पकड़ने वाले दोनों जांबाज राकेश कुमार और बिक्रमजीत को सलाम करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस में नौकरी दी गई है.
जम्मू-कश्मीर के डीजी के. राजेंद्र कुमार ने दोनों की बहादुरी को देखते हुए आगामी स्वतंत्रता दिवस पर राकेश और विक्रमजीत को शौर्य चक्कर देने की भी सिफारिश की है. मंगलवार को डीजी के. राजेंद्र ने राकेश कुमार शर्मा को राज्य पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्त किया. साथ ही पुलिस हेडक्वॉर्टर ने बिक्रमजीत के लिए नौकरी के लिए निर्धारित योग्यता में छूट मांगी गई है.
आतंकी नवेद द्वारा गांव वालों को बंधक बना लेने के बाद राकेश और बिक्रमजीत ने ही साहस दिखाते हुए उस पर काबू पाया था. बिक्रमजीत ने बताया, 'हम मौत से डर रहे थे, लेकिन हमने सोचा क्यों न एक बार कोशिश की जाए.'
राकेश ने कहा, 'हमने सोचा कि मौत तो आ ही रही है, क्यों न हम इसके ऊपर काबू पाएं.' राकेश ने बताया कि उन्होंने आतंकी के हाथ पकड़ लिए थे और बिक्रमजीत ने उसकी एके-47 छीन ली थी. इस दौरान आतंकी नवेद ने एके-47 के फायर भी की, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ.
कुछ दिन पहले ही पुलिस विभाग ने राकेश और बिक्रमजीत को सम्मानित किया था. उधमपुर के डीएम डॉ. शाहिद इकबाल ने कहा कि यह खतरनाक आतंकी हमला था और इन दोनों की हिम्मत प्रशंसा लायक है. डीएम ने वादा किया था कि वह राज्य और केंद्र सरकार से दोनों लोगों के लिए बहादुरी पुरस्कार की सिफारिश करेंगे.