
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को उपचुनाव के लिए मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती खुद राज्य विधानसभा में एंट्री के लिए यहां चुनावी मैदान में उतरी हैं, जबकि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवारों से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है. वोटिंग को लेकर आतंकियों की धमकी को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. सुबह 10 बजे तक 9.89 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई.
मुफ्ती सईद के निधन के बाद उपचुनाव
सुबह से ही मतदाताओं में वोटिंग को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद यहां उपचुनाव की नौबत आई है. सत्तासीन होने के बाद सीएम महबूबा मुफ्ती का यह पहला इम्तिहान भी है. अनंतनाग में शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. अनंतनाग में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों के वोट भी हैं और यह आतंक प्रभावित हिस्सों में भी आता है.
सरकार की नीति का दिखेगा असर
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और आतंक पर सरकार की नीति का अनंतनाग को लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. अलगाववादी नेताओं ने लोगों को अनंतनाग में हो रहे चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की है. साथ ही आतंकी संगठनों ने भी लोगों को धमकी दी हैं कि वह चुनाव से दूर रहें. शांतिपूर्ण चुनाव के लिए अर्धसैनिक बल की छह अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं.
उपचुनाव में महूबबा मुफ्ती से इतर कुल सात उम्मीदवार हिस्सा ले रहे हैं. इनमें कांग्रेस से हिलाल अहमद शाह और एनसी के इफ्तेखार हुसैन शामिल हैं. विधानसभा क्षेत्र में करीब 84000 वोटर हैं.