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गांधी जयंती पर बड़ा फैसला, प्रशासन ने खत्म की जम्मू में नेताओं की नजरबंदी

जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है. धारा 370 हटाने के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पर जम्मू में कई नेताओं को नजरबंद किया था. पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था. 

सांकेतिक तस्वीर-REUTERS सांकेतिक तस्वीर-REUTERS
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

  • जम्मू क्षेत्र से नजरबंद होने वाले पहले नेता थे चौधरी लाल सिंह
  • 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था

गांधीजी की जयंती के अवसर पर जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है. धारा 370 हटाने के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पर जम्मू में कई नेताओं को नजरबंद किया था. पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था.

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जम्मू में नजरबंद सभी विपक्षी दलों के नेताओं पर से नजरबंदी हटा दी गई है. जिन नेताओं पर से नजरबंदी हटाई गई है उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेता शामिल हैं.

डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह के अलावा जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई गई है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह के नाम शामिल हैं. इन नेताओं को 5 अगस्त से नजरबंद कर लिया गया था.

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था और राज्य को 2 हिस्से में बांटते हुए अनुच्छेद 370 को भी निष्प्रभावी कर दिया था. सरकार ने इस फैसले के साथ ही राज्य के कई विपक्षी नेताओं को नजरबंद भी कर लिया था.

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अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को नजरबंद किया था. लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया था. चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई.

सिर्फ जम्मू ही नहीं कश्मीर के भी कई नेताओं को नजरबंद किया गया था. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेता शामिल थे. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर घाटी में लोगों को कैद किया जा रहा है.

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