
चौतरफा दबाव के बाद अलगाववादी नेता मसरत आलम पर मुफ्ती सरकार सख्त हो गई है. मसरत आलम पर शुक्रवार देर रात देर रात देशद्रोह और देश के खिलाफ जंग छेड़ने का केस दर्ज कर लिया गया है.
मसरत आलम को 7 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा दिया गया है. मसरत आलम की गिरफ्तारी के विरोध में हुर्रियत ने शनिवार को कश्मीर बंद का ऐलान किया है. बीती रात मसर्रत को बडगाम के कोर्ट में पेश किया गया. मसरत आलम ने 15 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित नारे लगाए थे. हुर्रियत नेता गिलानी भी फिलहाल अपने घर में नजरबंद हैं.
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि अलगाववादी रोज बंद करते हैं. उससे क्या फर्क पड़ता है. हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक भी प्रदेश सरकार के रुख के खिलाफ खड़े हो गए हैं.
मसरत की गिरफ्तारी पर मीरवाइज भी भड़के
जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा कराने वाले मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी और मसरत आलम को नजरबंद रखने के मामले में राज्य सरकार की आलोचना की. मीरवाइज उमर ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की और कहा कि कश्मीर में कानून तोड़ने के लिए अलगाववादी नहीं, बल्कि राज्य सरकार जिम्मेदार है.
याद रहे कि बुधवार को श्रीनगर में गिलानी की रैली में मसरत आलम ने जेल से रिहा होते ही शिरकत की थी. इस रैली में मसरत ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे, जबकि पड़ोसी मुल्क का झंडा भी लहराया गया था. इसके बाद से ही प्रदेश सरकार पर मसरत पर कार्रवई के लिए दबाव था.