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DSP देवेंद्र सिंह की मदद से दिल्ली-पंजाब को दहलाने की फिराक में थे आतंकी

जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देवेंद्र सिंह के बारे में नया खुलासा हुआ है. दरअसल, देवेंद्र सिंह आतंकियों के साथ मिलकर सिर्फ दिल्ली को दहलाने की साजिश नहीं रच रहा था, बल्कि उसके निशाने पर जम्मू, पंजाब और चंडीगढ़ भी थे.

डीएसपी देवेंद्र सिंह की फाइल फोटो डीएसपी देवेंद्र सिंह की फाइल फोटो
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 15 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST

  • आतंकियों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाता था DSP देवेंद्र
  • दिल्ली के साथ पंजाब, जम्मू को दहलाने का था प्लान

हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किए गए जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र सिंह के बारे में नया खुलासा हुआ है. दरअसल, देवेंद्र सिंह आतंकियों के साथ मिलकर सिर्फ दिल्ली को दहलाने की साजिश नहीं रच रहा था, बल्कि उसके निशाने पर जम्मू, पंजाब और चंडीगढ़ भी थे.

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आतंकियों ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए. सूत्रों के अनुसार, आतंकियों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा कई और राज्यों में भी बम विस्फोट करने का काम दिया गया था. इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए प्लान में कई और आतंकियों को शामिल किया जाना था.

NIA को दी गई पूरे मामले की जांच

डीएसपी देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी और आतंकवादियों के साथ उनके संबंधों ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंतित कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि देवेंद्र सिंह का संबंध खालिस्तानी आतंकी समूहों के अलावा और भी कई आतंकी संगठनों से हो सकते हैं. गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है.

पढ़ें: अफजल गुरु से पुरानी थी देवेंद्र सिंह की पहचान, फांसी से पहले हलफनामे में भी किया था जिक्र

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आतंकियों के साथ कनेक्शन का खुलासा

एनआईए के 6 अफसर जांच में भी जुट गए हैं. शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि देवेंद्र सिंह काफी समय से आतंकवादियों को बचा रहा था. हालांकि उसकी संलिप्तता का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है. जांच एजेंसी का मानना है कि आतंकियों को बचाने और सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए देवेंद्र सिंह को पैसा मिल रह था.

कश्मीरी और खालिस्तानी आतंकियों के कनेक्शन का होगा खुलासा?

इस पूरे मामले की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि कश्मीरी और खालिस्तानी आतंकियों के बीच संबंधों का भी खुलासा हो सकता है. एनआईए के पास पहले से ही तरन-तारन केस और भारत-पाकिस्तान पर ड्रोन गतिविधियों की जांच कर रही है. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि खालिस्तानी आतंकियों को पाकिस्तान से एके 56, मैगजीन, पिस्तौल और आरडीएक्स सहित अवैध हथियारों की खेप मिल रही है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने के बाद वहां काफी सख्ती है.

शोपियां से आतंकियों को लेकर आ रहा था देवेंद्र

जांच में पता चला है कि हिज्बुल के कमांडर नवीद बाबू और उसके दो साथी रफी रैथर और मीर इरफान को डीएसपी देवेंद्र सिंह अपने पैतृक गांव शोपियां से लेकर आ रहा था. नवीद बाबू शोपियां के नाजनीपुर का रहने वाला है. वह राज्य का सिपाही रहा है और 2017 में नौकरी छोड़ दी थी. नवीद बाबू दो बड़ी आतंकी घटनाओं में शामिल था, जिसमें अक्टूबर 2019 के दौरान 11 ट्रक चालकों और व्यापारियों की हत्या शामिल है. इसके बाद उसने पश्चिम बंगाल के 5 मजदूरों की भी हत्या की थी.

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DSP देवेंद्र के घर पर रूके थे आतंकी

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पकड़े गए सभी आतंकी डीएसपी देवेंद्र सिंह के साथ उसके इंदिरा नगर वाले घर पर रूके थे. गौर करने की बात है कि डीएसपी देवेंद्र सिंह काफी दिनों से देश विरोधी अभियानों में लगा रहा, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस सोती रही. हिज्बुल कमांडर नवीद बाबू के साथ डीएसपी देवेंद्र सिंह के संबंध पिछले एक साल से थे. कई बार देवेंद्र सिंह की मदद से नवीद बाबू कई जगहों पर गया, जिसमें 2019 में जम्मू का दौरा शामिल है.

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