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अगर भारत-पाकिस्तान का युद्ध हो गया तो PAK को हराना आसान नहीं होगा: फारूक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाने का बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. लड़ाई झगड़े या युद्ध से कुछ होने वाला नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब तक कश्मीर के मुद्दे पर बात नहीं होती तब तक सर्जिकल स्ट्राइक से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला
सबा नाज़/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाने का बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. लड़ाई झगड़े या युद्ध से कुछ होने वाला नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब तक कश्मीर के मुद्दे पर बात नहीं होती तब तक सर्जिकल स्ट्राइक से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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फारूक ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कहता रहा है कि कश्मीर हमारा है इसलिए पाकिस्तान से बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. इस मसले की वजह से आतंकवाद सालों से चला रहा है लेकिन बातचीत से ही इसका एक रास्ता निकल सकता है.

फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी आतंकवादी हमारे जवानों को मार रहे हैं. पीओके में आतंकी कैंप पहले से मौजूद हैं. कारगिल के बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी ने जनरल परवेज मुशर्रफ से बात की थी. इस सरकार को भी बातचीत करनी चाहिए.

युद्ध हुआ तो जीत नहीं पाएंगे हम
फारूक ने यहां तक कह डाला कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध हो गया तो हम जीत नहीं पाएंगे. क्योंकि उनके हथियार हमारे हथियारों से कम नहीं. युद्ध से केवल बर्बादी होगी. गरीब लोग ज्यादा बर्बाद होंगे. 70 साल से तरक्की की तरफ बढ़ रही ये अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.

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पहले अपना घर दुरुस्त करे हिंदुस्तान
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर तंज कसते हुए कहा कि 'हमें पहले अपना घर दुरुस्त करना चाहिए, जम्मू कश्मीर में जो हालात है वह ठीक करने चाहिए. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सवाल पर कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक हुई है या नहीं हुई है यह देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री बता सकते हैं. मुझे इसमें नहीं पड़ना.' फारुख अब्दुल्ला का यह भी कहना है कि जम्मू कश्मीर में तमाम लोगों के साथ भारत सरकार को बातचीत करनी चाहिए. चाहे वह हुर्रियत वाले हो या कोई और सब से बातचीत करनी चाहिए.

मैं नहीं देता ऐसे बयान
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खून की दलाली वाले बयान पर फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि मैंने तो ऐसा बयान दिया नहीं है. मैं तो ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता हूं. उन्होंने क्यों किया किस बारे में किया मैं नहीं जानता.

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