
मसरत आलम की रिहाई प्रक्रिया की चिट्ठी लीक से भारतीय जनता पार्टी की किरकिरी हुई, उधर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को इस बाबत बैठक बुलाई. बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने मुफ्ती सरकार
से समर्थन वापसी की अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में
स्थिर सरकार है. लेकिन बताया
जाता है कि बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन को मजबूरी मानने से भी इनकार किया है. बैठक में यह स्पष्ट किया गया है कि अगर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के खिलाफ कोई भी फैसला लेती है तो बीजेपी सरकार गिराने से पीछे नहीं
हटेगी.
जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जुगल किशोर और पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में अहम रोल निभाने वाले राम माधव के साथ अमित शाह ने दिल्ली में बैठक की. बैठक में शाह ने साफ किया कि जम्मू कश्मीर में सरकार चलाना बीजेपी की प्राथमिकता नहीं है. उन्होंने कहा, 'अलगाववाद और आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा. देश का हित बीजेपी के लिए सबसे अहम है.'
सूत्रों के अनुसार बैठक में शाह ने इशारा किया है कि अगर पीडीपी बिना बीजेपी की राय लिए आगे से कोई भी फैसला करेगी तो पार्टी अपना समर्थन वापस ले लेगी. अमित शाह ने कहा, 'गठबंधन के एजेंडे से बाहर अगर किसी भी मुद्दे पर पीडीपी को कोई फैसला लेना है तो बीजेपी की सहमति से ही लेना होगा. वर्ना, सरकार गिरती है तो गिर जाए.'
अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई के बाद से सड़क से लेकर संसद तक विपक्ष बीजेपी पर हमले कर रहा है. हर जगह पार्टी यही दलील पेश कर रही है कि उसने विकास के एजेंडे
पर पीडीपी का साथ दिया. पार्टी की ओर से सफाई पेश की जा रही है कि 'राज्य के युवाओं के विकास की उम्मीद पर बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन किया था.'
हालांकि जब से मसरत आलम की रिहाई मामले में जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त सचिव और डीएम की चिट्ठी सामने आई है बीजेपी की किरकिरी हो रही है. चिट्ठी के मुताबिक मसरत की रिहाई की प्रक्रिया राज्यपाल शासन के दौरान ही शुरू हो गई थी. गौरतलब है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार के होते जाहिर तौर पर जम्मू कश्मीर में हुए फैसलों की जानकारी पार्टी को होगी.
इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर बीजेपी के नेताओं ने मसरत आलम की रिहाई के खिलाफ प्रदर्शन किया और सीएम मुफ्ती को एक ज्ञापन सौंपा. इसके जरिए बीजेपी ने मुफ्ती को पार्टी नेतृत्व के विरोधी रुख से अवगत कराया. बैठक के दौरान अमित शाह ने इस ज्ञापन के बारे में और राज्य के हालात पर भी जानकारी ली.