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जम्मू-कश्मीर की सियासत में नया मोड़, महबूबा मुफ्ती ने दिए बीजेपी से नाता तोड़ने के संकेत

पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक में महबूबा ने कहा कि नए उपाय इसलिए किए जा रहे हैं कि नई सरकार के सामने एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं समझना चाहिए कि यह ब्लैमेल की रणनीति है.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती
स्‍वपनल सोनल
  • श्रीनगर,
  • 05 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

जम्मू-कश्मीर में सरकार निर्माण को लेकर सियासी रस्साकस्सी के बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने संकेत दिए हैं कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ सकती हैं. शुक्रवार को उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अगर केंद्र सरकार गठबंधन पर विश्वास बहाली के उपायों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है कि राज्य में बीजेपी से पीडीपी का नाता टूट सकता है.

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अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक में महबूबा ने कहा कि नए उपाय इसलिए किए जा रहे हैं कि नई सरकार के सामने एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं समझना चाहिए कि यह ब्लैकमेल की रणनीति है.

महबूबा ने कार्यकर्ताओं से कहा, 'आप हवा में सरकार नहीं बना सकते. मुद्दा यह है कि नई सरकार के लिए हम कैसे अनुकूल माहौल बनाए ताकि जब नई सरकार का गठन हो तो यह लोगों के बीच सद्भावना पैदा करे और. इसके लिए जरूरी है कि आप सरकार का समर्थन करें. अगर हम इसे पा लेते हैं तो अच्छी बात है और अगर ऐसा नहीं भी कर पाते हैं तो हम वही करेंगे जो हम अब तक करते आए हैं.'

किन उपायों पर जोर दे रही हैं महबूबा मुफ्ती
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से ही राज्य में सरकार निर्माण को लेकर पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में नए सिरे से खींचतान शुरू हो गई है. जम्मू-कश्मीर में फिलहाल गवर्नर रूल लागू है. विपक्षी दल के तौर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पीडीपी-बीजेपी पर लगातार सरकार निर्माण को लेकर दबाव बना रही है, वहीं महबूबा मुफ्ती गठबंधन की सरकार को आगे बढ़ाने से पहले नेशनल पावर प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकार को सौंपने और कई अन्य पैकेज को लेकर केंद्र से ठोस आश्वासन चाहती हैं.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, महबूबा विश्वास बहाली के जिन उपायों की बात कर रही हैं उनमें पाकिस्तान और अलगावावादियों के साथ शांति वार्ता भी शामिल है.

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