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J-K: जम्मू क्षेत्र में बंपर वोटिंग, कश्मीर में महज 6.2 और बारामुला में 5.1% वोटिंग

निकाय और पंचायत चुनाव से पहले आतंकियों ने कई बार इसे टलवाने की कोशिश की. आतंकियों द्वारा कई पंचायत घरों को आग लगा दी गई जबकि उम्मीदवारों को भी धमकाया गया, लेकिन कुल मिलाकर राज्य में बढ़िया मतदान हुआ.

जम्मू-कश्मीर में 8 अक्टूबर को हो रहा पंचायत चुनाव (फोटो- ANI) जम्मू-कश्मीर में 8 अक्टूबर को हो रहा पंचायत चुनाव (फोटो- ANI)
मोहित ग्रोवर/अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 08 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

जम्मू-कश्मीर में 13 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहे नगरपालिका चुनाव के पहले चरण में सोमवार को जम्मू, राजौरी और पुंछ में भारी मतदान हुआ है, हालांकि घाटी में मतदान केंद्रों पर लोगों का ज्यादा उत्साह नजर नहीं आया.

पहले चरण में सोमवार को हुए मतदान में जम्मू नगर निगम में 62 फीसदी मतदान हुआ. जबकि पुंछ में 73.13 फीसदी और राजौरी में 81 फीसदी मतदान (सुंदरबेनी में 89.5 फीसदी) हुआ.

सबसे ज्यादा मतदान जूरियां नगर परिषद में हुआ. यहां पर 89 फीसदी मतदान हुआ. पहले चरण में कुल 11 जिलों में मतदान कराया गया.

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दूसरी ओर, दिनभर चले मतदान में राजधानी श्रीनगर में महज 6.2 फीसदी वोट ही पड़े. जबकि कुपवाड़ा में 32.2 फीसदी मतदान हुआ. कई अन्य जगहों पर मतदान की स्थिति और भी बुरी रही. बांदीपुर, बारामुला और अनंतनाग में बेहद कम मतदान हुआ, इन जगहों पर क्रमशः 3.4, 5.1 और 7.3 फीसदी मतदान दर्ज किया गया.

इससे पहले दोपहर 3 बजे तक भी कश्मीर क्षेत्र में मतदान में लोगों का कोई उत्साह नहीं दिखा.

इससे पहले सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होने के बाद गांधी नगर, आरएस पुरा, अरनिया, जुरियां, खौर, अखनूर, बिश्नाह, नौशेरा, सुरंकोट, कलाकोट और अन्य जगहों पर मतदान करने के लिए उत्साहित मतदाताओं की भीड़ उमड़ने लगी. जम्मू में दोपहर एक बजे तक 45 फीसदी मतदान हुआ, राजौरी में 75 फीसदी, पुंछ 65 फीसदी वोटिंग हुई.

2 बड़ी पार्टियों का बहिष्कार

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हालांकि कश्मीर में नजारा बिल्कुल इसके उलट देखने को मिला क्योंकि निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान दो प्रमुख दलों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा किए गए बहिष्कार के बीच हुआ है. एक मतदान अधिकारी ने बताया कि बारामूला नगर परिषद के लिए पहले दो घंटों में कुल 218 वोट पड़े हैं.

अधिकारी ने कहा कि बडगाम में एक नगरपालिका वार्ड में सुबह नौ बजे तक सिर्फ चार वोट पड़े, जबकि बांदीपोरा जिले के एक मतदान केंद्र में आठ वोट डाले गए, जहां दो घंटे में 187 वोट पड़े हैं.

निकाय चुनाव की वोटिंग के दौरान बांदीपोरा में एक पोलिंग बूथ पर पत्थरबाजी हुई. यहां प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके. इसमें BJP प्रत्याशी आदिल अहमद बहरू घायल हो गए हैं. वह बांदीपोरा के वार्ड 15 से चुनाव लड़ रहे हैं. श्रीनगर के बेमिना बूथ पर कुछ वोटरों ने फोटो जर्नलिस्ट को तस्वीरें खींचने से मना किया.

मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद

सोमवार को जिन जिलों में वोटिंग हो रही है उनमें अनंतनाग (4 वार्ड), बडगाम (1 वार्ड), बांदीपोरा (16 वार्ड), बारामूला (15 वार्ड), जम्मू (153 वार्ड), करगिल (13 वार्ड), कुपवाड़ा (18 वार्ड), लेह (13 वार्ड), पुंछ (26 वार्ड), राजौरी (59 वार्ड), श्रीनगर (3 वार्ड) शामिल हैं.

कई सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के उम्मीदवार ना खड़े होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पहले ही जीत दर्ज कर चुके हैं.

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वोटिंग को देखते हुए दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया, जबकि अन्य इलाकों में इंटरनेट की स्पीड को 2G तक सीमित कर दिया गया है.

वोटिंग के दौरान कोई दिक्कत ना हो इसको देखते हुए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज़ उमर फारूक को नज़रबंद कर लिया गया. उन्होंने खुद इसकी जानकारी ट्वीट करके दी. सिर्फ मीरवाइज़ ही नहीं बल्कि यासीन मलिक और सैयद अली शाह गिलानी को भी नज़रबंद किया जा चुका है.

रविवार को भी मतदान से पहले सुरक्षाबलों ने मतदान वाले क्षेत्र के आस-पास सर्च ऑपरेशन चलाया था. सुरक्षाबलों की तरफ से कुल 6 गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनाव चार चरणों में होंगे. 8 अक्टबूर के बाद दूसरे चरण का मतदान 10 अक्टूबर को, तीसरे फेज की वोटिंग 13 अक्टूबर और अंतिम चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा.

वोटों की गिनती 20 अक्टूबर को होगी. राज्य के चुनाव अधिकारी के मुताबिक पहले फेज में कुल 422 वार्डों के लिए 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें जम्मू में 1010, कश्मीर में 207, लद्दाख में 66 उम्मीदवार हैं.

4 चरणों में होने वाले चुनाव के लिए कुल 2,990 उम्मीदवार मैदान में हैं. अब तक लगभग 244 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं. राज्य की मुख्यधारा की दो पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी इन चुनावों का बहिष्कार किया है. ये दल संविधान के अनुच्छेद 35-ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिये जाने का विरोध कर रहे हैं.

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