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J-K: ऑपरेशन ऑलआउट का असर, आतंकी संगठनों के पास कम पड़े लोग, चलाया भर्ती अभियान

ऑपरेशन ऑलआउट के जरिए कश्मीर घाटी को आतंकवाद मुक्त करने के मिशन पर निकली भारतीय सेना ने पिछले साल 208 आतंकवादियों को ठिकाने लगाया था.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

कश्मीर घाटी में जिस तरीके से सुरक्षा बल ऑपरेशन ऑल आउट चला रहे हैं, उससे आतंकी संगठन बौखलाए हुए हैं. जम्मू- कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के पास लेबर फोर्स की बहुत ज्यादा कमी हो गई है. इस कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कश्मीर में आतंकवादियों की भर्ती के लिए टेरर टैलेंट हंट प्रोग्राम चलाया है. 'आजतक' के पास मौजूद खुफिया रिपोर्ट्स में आतंकवादी सगंठनों द्वारा आयोजित इस आतंकवादी भर्ती अभियान की पूरी जानकारी मौजूद है.

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बता दें कि ऑपरेशन ऑलआउट के जरिए कश्मीर घाटी को आतंकवाद मुक्त करने के मिशन पर निकली भारतीय सेना ने पिछले साल 208 आतंकवादियों को ठिकाने लगाया था. इस साल अबतक 59 आतंकवादियों को दो गज जमीन के नीचे सुलाया जा चुका है. इसकी वजह से ही कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के पास लेबर फोर्स की कमी हो गई है.

कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना का ऑपरेशन ऑलआउट दिन दूनी-रात चौगुनी रफ्तार से जारी है. इसी कारण से आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं के दिन का चैन और रात की नींद उड़ी हुई है.

रक्षा विशेषज्ञ पी.के सहगल ने ऑपरेशन ऑलआउट के फेज टू में 14 आतंकियों की लिस्ट जारी की. पहले दस दिन में दो को उड़ा दिया. ऑपरेशन ऑलआउट फेज वन में 30 में से 25 मुखिया को मार दिया था.

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आतंकवादियों का हौसला हुआ कम

कश्मीर में आतंकवादियों का हौसला इतना डाउन हो चुका है कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि वो आतंकवादियों की तेजी से होती कमी को कैसे पूरा करें. इसलिए अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने खुद कश्मीर में आतंकवादियों की भर्ती के लिए टैलेंट हंट प्रोग्राम शुरू किया है.

आतंकियों की कमी को दूर करने का ठेका हाफिज सईद के पास

'आजतक' के पास मौजूद खुफिया एजेंसियों के दस्तावेजों से पता चला है कि ISI ने कश्मीर में आतंकवादियों की कमी को दूर करने का ठेका आतंकवादी सरगना हाफिज सईद को सौंपा है. हाफिज सईद ने पीओके के बोई मदारपुर फगोश और देवलियां में ट्रेनिंग कैंप खोलकर नए आतंकवादियों की भर्ती का प्रोग्राम शुरू किया है.

टैलेंट हंट प्रोग्राम के लिए 4 जोन में बटां कश्मीर

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर ए तैयबा ने आतंकवादी टैलेंट हंट प्रोग्राम के लिए पूरे जम्मू- कश्मीर को चार जोन में बांटा है. कश्मीर में आतंकियों की भर्ती के लिए लश्कर ए तैयबा ने कश्मीर में मौजूद अपने कमांडरों से ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को भर्ती करने को कहा गया. ISIS की तर्ज पर लश्कर ए तैयबा ने एक ऑनलाइन मैगजीन भी लांच की, जिससे कश्मीर में आसानी से आतंकियों की भर्ती हो सके. लश्कर ए तैयबा द्वारा आयोजित आतंकवादियों के इस टैलेंट हंट प्रोग्राम को ISI फंडिंग और लॉजिस्टिक की सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है

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बता दें कि कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में नंबर वन पर लश्कर ए तैयबा और नंबर दो पर हिज्बुल मुजाहिदीन का नाम आता है. भारतीय सेना के ऑपरेशन ऑलआउट में दोनों ही आतंकवादी संगठनों की हालत खराब हो चुकी है. इसलिए ISI ने हिज्बुल मुजाहिदीन को भी अंडरटेक कर लिया है.

पीओके में कई जगह खोले टेरर ट्रेनिंग कैंप

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैय्यद सलाउद्दीन से मनमुटाव के चलते ISI ने खुद हिज्बुल मुजाहिदीन में आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग का प्रोग्राम शुरू किया है. हिज्बुल मुजाहिदीन में आतंकवादियों की भर्ती के लिए ISI ने पीओके में कई जगह टेरर ट्रेनिंग कैंप खोले हैं. इन टेरर ट्रेनिंग कैंपों में खुद पाकिस्तान सेना के अधिकारी हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं.

आतंकी संगठनों में शामिल 45 युवा

ISI द्वारा प्रायोजित टेरर टैलेंट हंट प्रोग्राम को नाकाम करने के लिए भारतीय सुरक्षाबल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. लेकिन ये बात भी सच है कि इस साल करीब 45 युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की खबर है. जिनमें एक एमबीए का छात्र भी है और एक पीएचडी कर रहा था. आतंकवाद की राह पर चल चुके इन कश्मीरी नौजवानों में सबसे ज्यादा शोपियां से बारह और कुलगाम से नौ युवा शामिल बताए जा रहे हैं.

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