Advertisement

कश्मीर में जारी हुई एडवाइजरी, मुठभेड़ वाली जगहों से दूर रहें लोग

जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने आम लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए आंतकी विरोधी अभियान वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी है. प्रशासन की सलाह सेना प्रमुख के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आंतक रोधी अभियानों में रुकावट डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

पत्थरबाजों को सेना प्रमुख की चेतावनी के बाद प्रशासन ने दी लोगों को सलाह पत्थरबाजों को सेना प्रमुख की चेतावनी के बाद प्रशासन ने दी लोगों को सलाह
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 17 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने आम लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए आतंकी विरोधी अभियान वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी है. प्रशासन की सलाह सेना प्रमुख के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आतंक रोधी अभियानों में रुकावट डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

श्रीनगर, बड़गाम और शोपियां जिले में प्रशासन ने अपने निर्देश में कहा है कि मानव जीवन को नुकसान से बचने के लिए लोग उन जगहों के करीब ना जाएं, जहां सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही हो.

Advertisement

इसके साथ प्रशासन ने जिले में आतंकी रोधी अभियान वाली जगहों के तीन किलोमीटर दायरे में प्रवेश निषेध कर दिया है. हालांकि इसमें साथ ही बताया गया है कि यह निषेधाज्ञा ऐम्बुलेंस, चिकित्सा कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी.

बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आतंकी मुठभेड़ के दौरान सेना पर पथराव करने वालों को देशद्रोही मानकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. जनरल रावत का यह बयान घाटी में मंगलवार को हुई दो अलग-अलग मुठभेड़ों में एक मेजर सहित सेना के चार जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद आया था. उन्होंने कहा था कि कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों के शत्रुतापूर्ण आचरण के कारण लोग अधिक हताहत होते हैं और सुरक्षा बलों की आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान हमला करने वालों के साथ 'राष्ट्र विरोधी' के तौर पर बर्ताव होगा और उनके खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' होगी.

Advertisement

सेना प्रमुख के इस बयान की जहां कुछ राजनीतिक दलों ने आलोचना की है, वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने उनका समर्थन किया है. पर्रिकर ने कहा कि सेना हर कश्मीरी को आतंकवादी नहीं मानती है, लेकिन अगर कोई आर्मी के खिलाफ कुछ करे, तो मौजूद अधिकारी को फ्री हैंड होता है.

पर्रिकर ने कहा कि सैन्य अभियान में अगर स्थानीय लोगों ने रुकावट डालने की कोशिश की तो, उस समय कमांडिंग ऑफिसर को निर्णय लेने का पूरा अधिकार होता है. उन्होंने साथ ही कहा कि सेना हर कश्मीरी को आतंकियों का समर्थक नहीं मानती, लेकिन जो आतकियों के साथ है, वह आतंकी ही है.

हालांकि उनकी इस चेतावनी का लोगों का ज्यादा असर होता नहीं दिखा और गुरुवार को पुलवामा व शोपियां में स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस पर पथराव करने की घटना सामने आई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement