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सुंजवां हमलाः आर्मी कैंप के भीतर छिपे हैं 3-4 आतंकी, घर को उड़ाने की तैयारी

बताया जा रहा कि जिस घर की ओर से जवानों पर फायरिंग की जा रही है, अब उसे उड़ाने की तैयारी की जा रही है. इस घर को उड़ाने से पहले सुरक्षाबल इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि वहां कोई महिला या बच्चे न हों. पूरे इलाके की हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है.

जम्मू में ऑपरेशन को अंजाम देते सेना के जवान जम्मू में ऑपरेशन को अंजाम देते सेना के जवान
राहुल विश्वकर्मा
  • जम्मू,
  • 10 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

जम्मू के सुजवां में हुए फिदायीन हमले में सेना अब निर्णायक कदम उठाने जा रही है. बताया जा रहा कि जिस घर की ओर से जवानों पर फायरिंग की जा रही है, अब उसे उड़ाने की तैयारी की जा रही है. इस घर को उड़ाने से पहले सुरक्षाबल इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि वहां कोई महिला या बच्चे न हों. पूरे इलाके की हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है. ऑपरेशन पिछले सात घंटे से जारी है. हमले के चलते कश्मीर से लेकर दिल्ली तक अलर्ट जारी कर दिया गया है.

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हमले में दो जेसीओ शहीद हो गए हैं, जबकि चार लोग घायल हो गए हैं. आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन को सुंजवां में चल रहे ऑपरेशन और हालिया स्थिति के बारे में जानकारी दी है.अब इस ऑपरेशन में वायु सेना भी शामिल हो गई है. ऑपरेशन के लिए उधमपुर से पैरा कमांडो बुला लिए गए हैं.

विधानसभा स्पीकर ने रोहिंग्या कनेक्शन का किया दावा

सेना पर हुए आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर कविंद्र गुप्ता ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा है कि जम्मू में हुए इस फिदाय़ीन हमले में रोहिंग्या का हाथ हो सकता है. उन्होंने आशंका जताई कि आतंकवादियों ने जम्मू में रह रहे रोहिंग्या को अपना हथियार बनाकर इस हमले को अंजाम दिया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस हमले का गुस्सा दिख रहा है. वहां विधायक पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. 

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डीजीपी एसपी वैद्य ने आतंकी हमले के बारे में गृहमंत्री को पूरी जानकारी दी है. गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. आतंकियों के खात्मे के लिए सेना का ऑपरेशन जारी है.

भौगोलिक नजरिए से देखें तो जिस जगह पर यह हमला हुआ है, वो जगह सुंजवां जम्मू के रिहायशी इलाके में है. सेना के कैंप के पास ही छन्नी हिम्मत, त्रिकुटा नगर जैसे इलाके हैं, जो घनी आबादी वाली जगह है. नेशनल हाईवे 44 के पास बने इस सेना के कैंप से जम्मू यूनिवर्सिटी की दूरी सात किलोमीटर से भी कम है.

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