
आर्थिक मोर्चे पर एक राहत की खबर है. दरअसल, कोर इंडस्ट्री के आंकड़ों में मामूली सुधार हुआ है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि जनवरी में देश की आठ कोर इंडस्ट्री का ग्रोथ 2.2 फीसदी पर था, जो दिसंबर में 2.1 फीसदी रहा था.
हालांकि, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट घटकर 0.6 फीसदी रही है जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 4.4 फीसदी पर थी. जनवरी में कोयला, रिफाइनरी उत्पादों और बिजली उत्पादन में क्रमश: 8 फीसदी, 1.9 फीसदी और 2.8 फीसदी की वृद्धि हुई. आंकड़ों के मुताबिक कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस तथा उर्वरक क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई.
इससे पहले, दिसंबर 2019 में कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ सुधर कर 1.3 फीसदी रही. वहीं अगस्त 2019 से नवंबर 2019 तक गिरावट दर्ज की गई. बता दें कि आठ कोर इंडस्ट्री में कोयला, कच्चा तेल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट तथा इलेक्ट्रिसिटी शामिल हैं.
जीडीपी ग्रोथ रेट में मामूली सुधार
इस बीच, ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) ग्रोथ रेट के आंकड़ों में थोड़ा सुधार हुआ है. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट सुधर कर 4.7 फीसदी पर आ गई है. बता दें कि देश की सुस्त पड़ी इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार ने बीते साल कई अहम फैसले लिए थे. सरकार की ओर से ये कहा गया था कि इन फैसलों का असर धीरे-धीरे देखने को मिलेगा.
6 तिमाही बाद जीडीपी ग्रोथ रेट में सुधार
ये लगातार 6 तिमाही बाद है जब जीडीपी ग्रोथ में तेजी आई है. बीते वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी पर थी तो दूसरी तिमाही में यह लुढ़क कर 7 फीसदी पर आ गई. इसी तरह तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर रही.
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वहीं वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर लुढ़क कर 5 फीसदी पर आ गई. दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े 4.5 फीसदी पर थे. यह 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट थी. इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी.