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Vastu Tips: बाल गोपाल, चक्रधारी या विराट स्वरूप? घर में कहां लगाएं भगवान श्रीकृष्ण की फोटो

Vastu Tips Of Krishna Janmasthami 2020 : घर में वास्तु ऊर्जा और संस्कारों को बढ़ाने के लिए भगवान कृष्ण के स्वरूप अतुलनीय हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर ज्योतिषाचार्य डॉ अरुणेश कुमार शर्मा से जानिए सुख-समृद्धि और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की कौन सी तस्वीर घर में किस जगह पर लगानी चाहिए.

Krishna Janmasthami 2020 Vastu Tips: जन्माष्टमी Krishna Janmasthami 2020 Vastu Tips: जन्माष्टमी
अरुणेश कुमार शर्मा
  • वाराणसी,
  • 08 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

वास्तु के अनुसार, घर में भगवान की तस्वीरें लगाना शुभ होता है. भगवान की विभिन्न तस्वीरों का महत्व भी अलग-अलग है. श्रीकृष्ण के विभिन्न रूप प्रेरणादायक हैं. उनकी हर लीला अनुकरणीय और अनुपमेय है. घर में वास्तु ऊर्जा और संस्कारों को बढ़ाने के लिए भगवान कृष्ण के स्वरूप अतुलनीय हैं. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmasthami) के मौके पर ज्योतिषाचार्य डॉ अरुणेश कुमार शर्मा से जानिए सुख-समृद्धि और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की कौन सी तस्वीर घर में किस जगह पर लगानी चाहिए.

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घर के उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात् ईशान कोण में माखनचोर लड्डूगोपाल का दृश्य सहजता और प्रेम भरता है. मनुष्य के मन में आस्था जगाता है. घर में 12 वर्ष तक के बच्चे हों तो कृष्ण की बाल तस्वीर अवश्य लगाएं. यह स्मृति और बुद्धिमत्ता को बढ़ाने वाला है. पूर्व में श्रीकृष्ण के गोपाल रूप का चित्र लगाएं. यह धन धान्य और धर्म का प्रदाता है. ईश्वर भक्ति और आस्था के साथ प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है. घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है.

दक्षिण-पूर्व दिशा में भगवान के विराट स्वरूप की तस्वीर लगाएं. यह ऊर्जा का सूचक है. समस्त ब्रह्मांड को खुद में समाए असीम ऊर्जा के प्रतीक भगवान श्रीकृष्ण समस्त संसार के भोक्ता हैं. यह दिशा रसोई के लिए उपयुक्त होती है. दक्षिण दिशा में गोवर्धन पर्वत उठाए श्रीकृष्ण के रूप को लगाएं. यह संरक्षण का प्रतीक है. घर में सभी सुरक्षित और सहज अनुभव करते हैं. आकस्मिक आपदाओं की आशंका कम हो जाती है. उनसे लड़ने की समझ मिलती है.

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दक्षिण-पश्चिम दिशा में कृष्ण के सुदर्शन चक्रधारी स्वरूप की प्रतिमा अथवा पिक्चर लगाएं. यह रूप हमें बुराइयों से दूर रखता है. तामसिक शक्तियों से बचाता है. यह दिशा राहु की मानी जाती है. भगवान ने मोहिनी रूप रखकर देवताओं को अमृतपान कराया था. राहु के धोखे से अमृत पीने पर भगवान ने चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया.

पश्चिम दिशा में भगवान द्वारकाधीश का चित्र लगाने से धन संपदा वैभव का आगमन होता है. सभी का सहयोग मिलता है. घर में आनंद बढ़ता है. बड़ों के प्रति आदरभाव पैदा होता है. उत्तर-पश्चिम दिशा में राधा-कृष्ण और रासलीला का चित्र लगाएं. आनंद भरने वाला यह रूप समस्त चिंताओं को मिटाता है. कोमल भावनाओं को बढ़ाता है. विवाह योग्य को सुन्दर प्रस्ताव प्राप्त होते हैं. जीवन से नीरसता का नाश का होता है. यह दिशा चंद्रमा की है. यह रूप जीवन में रस और पवित्रता भरता है.

उत्तर दिशा में भगवान कृष्ण के सारथी और गीता उपदेश की तस्वीर स्थापित करनी चाहिए. ज्ञान की यह दिशा बुध ग्रह और भगवान गणेश का प्रतीक है. ज्ञान-विवेक से ही हम जीवन में हर युद्ध जीत सकते हैं. बिना अस्त्र उठाए भी शत्रुओं का संहार कर सकते हैं. श्रेष्ठ विचारों से जीवन बदल सकते हैं.

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