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नहीं रुक रहे रेल हादसे, जापान के एक्सपर्ट लगाएंगे कारणों का पता

पुखरायां में हुए रेल हादसे की दक्षिण कोरिया, इटली और फ्रांस के विशेषज्ञ पहले से ही जांच कर रहे हैं. 'मेल टुडे' के अनुसार रेलवे मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि भारतीय रेलवे के सुरक्षा मानकों का आकलन करने के लिए तीसरे पक्ष से ऑडिट कराया जाएगा.

पिछले 2 महीने में 5 रेल हादसे पिछले 2 महीने में 5 रेल हादसे
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

पिछले 2 महीनों में भारतीय रेल की 5 ट्रेनें पटरी से उतर चुकी हैं. इन्हीं बढ़ते रेल हादसों से परेशान भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा प्रणाली का एक्सटर्नल ऑडिट कराने का फैसला किया है. सूत्रों की मानें तो जापान के रेलवे विशेषज्ञों द्वारा जल्द ही ऑडिट शुरू होने की संभावना है.

पुखरायां में हुए रेल हादसे की दक्षिण कोरिया, इटली और फ्रांस के विशेषज्ञ पहले से ही जांच कर रहे हैं. 'मेल टुडे' के अनुसार रेलवे मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि भारतीय रेलवे के सुरक्षा मानकों का आकलन करने के लिए तीसरे पक्ष से ऑडिट कराया जाएगा. ट्रैकों की स्थिति, सिग्नल सिस्टम और मौजूदा कोचों की अनुकूलता की जांच की जाएगी. ये भी जांचा जाएगा कि क्या इन ट्रैकों पर हाई-स्पीड की ट्रेनें दौड़ाई जा सकती हैं या नहीं.

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सुरेश प्रभु ने मांगी मदद
दरअसल बार-बार हो रहे रेल हादसों से परेशान रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और इटली की रेलवे से गुहार लगाई थी कि वह उन्हें भारत में हो रहे रेल हादसों को रोकने में मदद करें. प्रभु की इस गुहार के बाद जापान ने पहले भी अपनी एक्सपर्ट टीम भारत भेजी थी. जापानी एक्सपर्ट टीम ने रेल पटरियों से गाड़ियां उतरने की घटनाओं के बारे में तमाम जानकारी हासिल की है और अब एक बड़ा डेलिगेशन 26 जनवरी को जापान से भारत आ रहा है. जापानी एक्सपर्ट्स की ये टीम भारत में हो रहे रेल हादसों के बारे में अपने सुझाव देगी.

पटरियों में दरारों से होते हादसे
पटरियों में दरारें होना हाल के दिनों में लगातार हुए रेल हादसों का बड़ा कारण है. इसका कारण यह है कि ट्रैक की सुरक्षा की जांच ने के लिए तकनीक की कमी है. साउथ कोरिया, जापान, चीन और स्पेन के पास इस तरह के दोषों को पता करने के लिए तकनीक है, जबकि भारत अभी भी पीछे है. यहां आज भी रेलवे कर्मचारियों द्वारा मैनुअल निरीक्षण करने की पुरानी प्रथा है.

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हादसे के पीछे आईसीएफ कोच
ट्रेन का पटरियों से उतर जाने के पीछे आईसीएफ कोचों का होना भी है. रेलवे भी पूरी तरह से इन कोचों को बंद करना चाहता है और इसके स्थान पर एलएचबी कोच लाने पर जोर है. एलएचबी डिब्बे आधुनिक तकनीक से लैस हैं, पटरी से उतरने के मामले में सहायक होते हैं.

साजिश से भी इनकार नहीं
आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास हीराखंड एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते 41 लोगों की मौत हो गई. इससे पहले कानपुर के पास पुखरायां में हुए रेल हादसे में 150 के करीब लोगों की मौत हुई थी. दोनों ही रेल हादसों के पीछे साजिश बताई गई. आंध्र प्रदेश में हुए रेल हादसे पर सूत्रों ने कहा, इस इलाके के नक्सलवाद से प्रभावित होने के कारण और गणतंत्र दिवस के करीब होने के कारण पटरी के साथ छेड़छाड़ किए जाने की कड़ी आशंका है. साजिश के संदेह से इनकार नहीं किया जा सकता.

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