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एक हाथ खोकर भी हौसला नहीं हारे देवेंद्र, भारत को दिलाया गोल्ड मेडल

रियो ओलंपिक के बाद अब बारी है पैरा ओलंपिक की जिसमें जैवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले देवेंद्र झाझड़िया भारत की ओर से शामिल होने जा रहे हैं.

देवेंद्र झाझड़िया देवेंद्र झाझड़िया
स्वाति गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

रियो डी जेनेरियो में आयोजित ओलंपिक खेलों के बाद अब सबकी नजरें पैरा ओलंपिक पर हैं. बुधवार से शुरू हुआ ये खेल दिव्यांगों के हौसले का परिचायक है. जिंदगी के हर कदम पर मुश्किलों के सामना कर यहां तक पहुंचे खिलाड़ियों के जज्बे का जवाब नहीं.

ओलंपिक खेलों में साक्षी मलिक और पीवी सिंधू के शानदार प्रदर्शन से हासिल हुए मेडल के बाद अब देखना ये होगा कि पैरा ओलंपिक से भारत की झोली में कितने पदक आते हैं.

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रियो के पैरा ओलंपिक में इस बार भारतीयों का सबसे बड़ा दल जा रहा है. जैवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले देवेंद्र झाझड़िया भी इस दल में शामिल हैं जिनसे भारत को काफी उम्मीदें हैं. बता दें कि 12 साल पहले यानी 2004 में एथेंस पैरा ओलंपिक में देवेंद्र जैवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड मेडल दिला चुके हैं.

उन्होंने 62.15 मीटर जैवलिन फेंक कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. देवेंद्र को इस उपलब्धि के लिए 2005 में अर्जुन अवॉर्ड और 2012 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके बाद 2013 में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था. 2014 में दक्षिण कोरिया में हुए एशियन गेम में उन्हें सिल्वर मेडल मिला था. पिछले साल अक्टूबर में कतर में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर पदक अपने नाम किया.

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एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में झाझड़िया ने बताया कि उन्हें बचपन में बिजली का करंट लग गया था. पेड़ पर चढ़ते समय उनका हाथ बिजली के तार पर चला गया था. तार शायद 11000 वोल्ट का था जिसकी वजह से उनका दायां हाथ खराब हो गया. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

राजस्थान के चुरू जिले में जन्मे झाझड़िया रतनपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एडमिशन लिया. वहां खेलों को लेकर अच्छा माहौल मिला जिसकी वजह से उनकी रुचि जैवलिन थ्रो में बन गई और इसीको उन्होंने अपनी ताकत बना ली.

भारत की ओर से झाझड़िया 13 सितंबर को रियो में भारतीय समय के अनुसार शाम साढ़े पांच बजे जैवेलियन थ्रो करेंगे. ऐसी उम्मीद है कि वह एथेंस की कामयाबी एक बार फिर दोहराएंगे.

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