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देश के और 45 जिलों में खोले जाएंगे जवाहर नवोदय विद्यालय

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. निशंक ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के होनहार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए इन 45 जिलों में नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे. इनमें यह नियम जारी रहेगा कि हर नवोदय विद्यालय की 75 फीसदी सीटें ग्रामीण इलाकों के होनहार बच्चों से ही भरी जाएंगी.

जवाहर नवोदय विद्यालय. (फाइल फोटो) जवाहर नवोदय विद्यालय. (फाइल फोटो)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में विभिन्न राज्यों के 45 ऐसे जिले हैं जहां अब भी जवाहर नवोदय विद्यालय नहीं हैं. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. निशंक ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के होनहार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए इन 45 जिलों में नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे. इनमें यह नियम जारी रहेगा कि हर नवोदय विद्यालय की 75 फीसदी सीटें ग्रामीण इलाकों के होनहार बच्चों से ही भरी जाएंगी.

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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि नवोदय विद्यालय खोलना एक सतत प्रक्रिया है. इसे खोलने का निर्णय राज्य सरकार के हाथ में होता है. अगर राज्य सरकार नवोदय विद्यालय खोलना चाहती है तो उसे मुफ्त में जमीन देनी होगी, ताकि उसपर स्कूल की इमारत बन सके. जब तक, स्थाई इमारत नहीं बन जाती तब तक दूसरी मुफ्त अस्थाई इमारत मुहैया करानी होगी ताकि उसमें स्कूल चल सके. हालांकि इन 45 जिलों में नवोदय विद्यालय खोलने की अभी कोई तारीख तय नहीं है. जैसे-जैसे जमीनें मिलती जाएंगी और राज्य सरकारें इच्छा जाहिर करेंगी, वैसे-वैसे नवोदय विद्यालय खुलते जाएंगे.

जानिए... जवाहर नवोदय विद्यालय के इतिहास को

नवोदय विद्यालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली पूरी तरह से आवासीय, सह शिक्षा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्ध शिक्षण परियोजना है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 1986 के तहत ऐसे आवासीय विद्यालयों की कल्पना की गई, जिन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम दिया गया, जो सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाएंगे. इसका प्रमुख लक्ष्य गांव-गांव तक उत्तम शिक्षा पहुंचाना है. ये विद्यालय पूर्णतः आवासीय एवं निःशुल्क होते हैं. यहां विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, शिक्षण सामग्री, शिक्षा एवं खेलकूद सामग्री दी जाती है. अभी नवोदय विद्यालय 27 राज्यों और 7 संघ शासित राज्यो में चल रहे हैं. प्रवेश हेतु कक्षा 5 के विद्यार्थियों के लिए प्रवेश परीक्षा होती है. प्रत्येक जिले से 80 छात्रों का चयन होता है. इनमें 75 प्रतिशत ग्रामीण और 25 प्रतिशत शहरी बच्चों को प्रवेश दिया जाता है.

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