
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कैंपस में हिंसा के बाद जबरदस्त हंगामा हुआ. 5 जनवरी से 11 जनवरी हो आई, लेकिन दिल्ली पुलिस ये नहीं जान पाई कि जेएनयू में हिंसा करने वाले नकाबपोश कौन थे? आखिरकार आजतक ने स्टिंग किया और आजतक के स्टिंग में हिंसा करने वाली हमलावर लड़की की सच्चाई सामने आ गई.
आजतक की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पाया कि पांच जनवरी को जेएनयू में डंडा लेकर हमला करने वाली नकाबपोश लड़की का नाम कोमल शर्मा है. वह दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की कार्यकर्ता है. कोमल शर्मा के सीनियर और सोशल मीडिया यूजरों ने भी इसकी पुष्टि की है. इस बात की भी पुष्टि हुई है कि पांच जनवरी को कोमल शर्मा जेएनयू में मौजूद थी.
कोमल शर्मा ने सोशल मीडिया पर सारा वशिष्ठ के नाम से प्रोफाइल बना रखा है और सक्रिय है. इससे पहले आजतक के ऑपरेशन जेएनयू में हिंसा करने वालों ने खुद कुबूल किया कि वो हिंसा में शामिल थे. स्टिंग सामने आने के बाद से दिल्ली पुलिस भी एक्टिव हो गई. दिल्ली पुलिस ने आजतक से स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो मांगे हैं.
आजतक के ऑपरेशन JNUTapes में हिंसा करने वालों का कुबूलनामा
जब शुक्रवार को आजतक ने ऑपरेशन JNUTapes के जरिए बताया कि जेएनयू कैंपस में किसने हिंसा की और मारपीट करने वाले लोग कौन थे? जब आजतक दिल्ली पुलिस से भी पहले हिंसा करने वालों के पास पहुंच गए, तब जाकर दिल्ली पुलिस एक्शन में आई. आजतक पर ऑपरेशन जेएनयू चलते ही देशभर में हंगामा मच गया. आजतक पर एबीवीपी से जुड़े दो आरोपियों ने कुबूल किया कि उन्होंने ही 5 जनवरी को जेएनयू में हंगामा मचाया था.
जेएनयू हिंसा की बाकायदा पूरी स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई. वो सब उन्होंने आजतक के खुफिया कैमरे पर कुबूल किया. एबीवीपी से जुड़े छात्र ने बताया कि कैसे एक व्हाट्सऐप ग्रुप पर हिंसा की पूरी प्लानिंग हुई. जब इतना कुछ आजतक पर चल गया, तो दिल्ली पुलिस एक्शन में आई. कल तक सिर्फ स्केच दिखाकर जांच की बात कहने वाली दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आजतक के स्टिंग का इस्तेमाल उसकी जांच में होगा.
ऑपरेशन JNUTapes के जरिए पुलिस ने 50 लोगों की पहचान की
इतना ही नहीं स्टिंग में एबीवीपी के छात्र ने जो खुलासा किया था, उसके आधार पर दिल्ली पुलिस ने उस व्हाट्सऐप ग्रुप का पता लिया, जिसमें हिंसा की सारी बातें दर्ज थीं. बताया जा रहा है कि इस व्हाट्सऐप ग्रुप का नाम यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट था. इस ग्रुप में 60 सदस्य जुड़े थे, जिनमें से 50 लोगों की पहचान हो गई है.
हालांकि स्टिंग दिखाए जाने के बाद एबीवीपी लगातार कह रहा है कि जिस लड़के ने हिंसा करने का दावा किया है, वो एबीवीपी का सदस्य ही नहीं है. आजतक के ऑपरेशन जेएनयू के बाद जेएनयू के छात्र दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. आजतक के स्टिंग ने जेएनयू के नकाबपोशों के चेहरों से परदा उठा दिया है. अब इंतजार पुलिस की कार्रवाई का है, जिसमे हिंसा के असली गुनहगारों पर नकेल कसी जाए.